Thursday, 17 July, 2025
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अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य आरक्षित वर्गों के हजारों अधिकारी-कर्मचारी एक मंच पर जुटे,
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य आरक्षित वर्गों के हजारों अधिकारी-कर्मचारी एक मंच पर जुटे,

कांकेर से रायपुर तक गूंजा आदिवासी-अनुसूचित वर्गों का स्वर

रायपुर:- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के तूता मैदान में बुधवार को एक ऐतिहासिक जनसमूह ने राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की। कांकेर जिले सहित पूरे प्रदेश से अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य आरक्षित वर्गों के हजारों अधिकारी-कर्मचारी एक मंच पर जुटे, जिनकी प्रमुख मांगें पदोन्नति में आरक्षण, फर्जी जाति प्रमाण पत्रधारियों की सेवा समाप्ति, तथा रिक्त पदों की त्वरित भर्ती से जुड़ी थीं।

धरना का आयोजन छत्तीसगढ़ के प्रमुख सामाजिक संगठनों — अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ, अजाक्स, सर्व आदिवासी समाज, सर्व अनुसूचित जाति समाज, गोंडवाना समाज, प्रगतिशील सतनामी समाज और बौद्ध समाज — के संयुक्त नेतृत्व में किया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राज्य शासन सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश और संवैधानिक प्रावधानों को दरकिनार करते हुए आरक्षित वर्गों के अधिकारों का हनन कर रहा है।

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मुख्य मांगें:

  1. पदोन्नति में आरक्षण नियम-5 को तत्काल पुनः अधिसूचित किया जाए।

  2. सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश को राज्य शासन तत्काल लागू करे।

  3. आरक्षित वर्गों के बैकलॉग पदों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए।

  4. फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों की सेवाएं समाप्त की जाएं।

कांकेर से पहुंचे हजारों कर्मचारी

कांकेर जिले से अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ के जिलाध्यक्ष रामप्रसाद नेताम के नेतृत्व में हजारों कर्मचारी रायपुर पहुंचे। नेताम ने स्पष्ट किया, “यदि शासन ने हमारी मांगों पर तत्काल कार्यवाही नहीं की, तो अगला कदम सड़कों पर निर्णायक आंदोलन होगा। यह सिर्फ कर्मचारियों की नहीं, बल्कि पूरे समाज की आवाज है।

अनुमानित भागीदारी

इस विशाल धरना प्रदर्शन में करीब 40,000 लोगों की भागीदारी बताई जा रही है — जो राज्य में आरक्षित वर्गों के बढ़ते असंतोष और अधिकार चेतना का स्पष्ट संकेत है। पदोन्नति में आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर राज्य शासन की निष्क्रियता ने आरक्षित वर्गों में गहरा असंतोष पैदा किया है। रायपुर के तूता मैदान में उमड़ी यह भीड़ न सिर्फ एक चेतावनी है, बल्कि यह संकेत भी कि यदि मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो यह आंदोलन राज्यव्यापी जनआंदोलन का रूप ले सकता है।

आंदोलन में दिखी एकता

प्रदर्शन में कांकेर जिले से उपस्थित प्रमुख प्रतिनिधियों में, जीवन सलाम, विजय नाग, अशोक गोटे, रामजी वट्टी, बिरजू कोवाची, धनराज वट्टी, संतोष नाग, आर.पी. मंडावी, कोमल नेताम, सुरेश कोरेटी, पेशी कुंजाम, शंभु शोरी, गणेश सहारे, राधेलाल नुरुटी, अशोक तेता, शकुंतला तारम, हेमलता मंडावी, तारा पोटाई, उषा मरकाम, पद्मा नेताम, माधुरी मंडावी, रेनुका उईके, शांति नरेटी और कला पोया जैसे नाम उल्लेखनीय रहे।

 

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About Prakash Thakur

प्रकाश ठाकुर, पेज 16 न्यूज़ के मुख्य संपादक हैं। एवं वर्षों से निष्पक्ष, सत्य और जनहितकारी पत्रकारिता के लिए समर्पित एक अनुभवी व जिम्मेदार पत्रकार के रूप में कार्यरत हूँ।

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