
अंबिकापुर:- छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में वन विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हाथी दांत की तस्करी के प्रयास को विफल कर दिया। अंतर्राज्यीय बस अड्डे पर सौदेबाजी कर रहे दो तस्करों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से 4.660 किलोग्राम वजनी दो हाथी दांत बरामद किए गए हैं।
यह कार्रवाई वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) से मिले इनपुट के आधार पर की गई। सरगुजा और सूरजपुर वनमंडल की संयुक्त टीम ने योजनाबद्ध ढंग से अंबिकापुर बस स्टैंड पर निगरानी रखी और दोनों आरोपियों को मौके से पकड़ा।
दोनों आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह केवल एक स्थानीय सौदेबाजी नहीं थी, बल्कि यह संभवतः हाथी दांतों की अंतरराज्यीय तस्करी से जुड़ा मामला है। विभाग अब आरोपियों से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रहा है कि इन दांतों की आपूर्ति कहां से हुई और इन्हें कहां ले जाया जाना था।
सरगुजा वनमंडल अधिकारी ने बताया कि वन्य जीवों की तस्करी पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि कहीं भी इस तरह की गतिविधि की जानकारी हो, तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें।
हाथी दांत की तस्करी एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय अपराध है और इस पर भारतीय कानूनों के तहत कठोर सजा का प्रावधान है। इसकी मांग अवैध बाजारों में अत्यधिक होती है, जिससे यह तस्करों का मुख्य निशाना बनता है।
अंबिकापुर में हुई यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि वन विभाग, वाइल्डलाइफ ब्यूरो और अन्य एजेंसियां मिलकर संगठित वन्यजीव अपराधों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। हाथी जैसे संवेदनशील प्राणी की रक्षा के लिए इस तरह के ऑपरेशन न केवल जरूरी हैं, बल्कि जंगलों के संतुलन और जैव विविधता की सुरक्षा के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं।
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