राजनांदगांव:- जिले के मोहढ़ गांव स्थित अवैध रेत खदान में बुधवार को उस समय बवाल मच गया जब स्थानीय ग्रामीणों ने लगातार हो रहे रेत उत्खनन का विरोध किया। विरोध के दौरान खनिज माफियाओं ने गोली चला दी, जिससे गांव में अफरा-तफरी फैल गई। इस गोलीबारी में चार ग्रामीण घायल हो गए हैं, जिनमें दो को गोली छूकर निकली और दो अन्य को गंभीर चोटें आई हैं।
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले तीन-चार दिनों से मोहढ़ की खदान में अवैध रूप से रेत की खुदाई की जा रही थी। जब कुछ ग्रामीणों ने इसका विरोध किया, तो वहां मौजूद माफियाओं ने मारपीट शुरू कर दी और एक तस्कर ने अचानक फायरिंग कर दी। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया। घायल ग्रामीणों को तुरंत बसंतपुर जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
घटना के बाद गांव में आक्रोश इतना बढ़ गया कि स्थानीय पार्षद संजय रजक के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पार्षद की मिलीभगत से अवैध रेत तस्करी हो रही थी। घटना के बाद संजय रजक को पुलिस सुरक्षा में गांव से बाहर निकाला गया, क्योंकि ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और पीटने की कोशिश की।
राजनांदगांव में यह पहला मौका है जब रेत माफियाओं ने खुलेआम गोलीबारी कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि यह हमला बाहर से आए माफिया तत्वों द्वारा किया गया है, जिन्हें स्थानीय नेताओं का संरक्षण प्राप्त है।
मोहढ़ थाना पुलिस ने बताया कि आरोपी फिलहाल फरार हैं, लेकिन उनकी पहचान कर ली गई है और जांच के लिए विशेष टीम गठित कर दी गई है। घटना को लेकर पूरे गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
घटना से नाराज ग्रामीणों ने गांव में चक्का जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना है कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होंगे और पार्षद की भूमिका की निष्पक्ष जांच नहीं होगी, वे पीछे नहीं हटेंगे।
राजनांदगांव जिले की यह घटना यह दर्शाती है कि अवैध रेत खनन अब केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि कानून-व्यवस्था का भी गंभीर मुद्दा बन चुका है। यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो यह मामला और भी अधिक विस्फोटक रूप ले सकता है।
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