Thursday, 17 July, 2025
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यातायात नियमों की अनदेखी दे रही है हादसों को दावत,
यातायात नियमों की अनदेखी दे रही है हादसों को दावत,

सडक हादसों के आंकड़ों ने दी महमारी के आंकड़ों को मात

यातायात नियमों की अनदेखी दे रही है हादसों को दावत,

यातायात नियमों की अनदेखी दे रही है हादसों को दावत,
यातायात नियमों की अनदेखी दे रही है हादसों को दावत,

कांकेर:- जब भी सड़क हादसों की खबर सामने आती है, निशाने पर सबसे पहले यातायात पुलिस आ जाती है। चर्चाओं में अक्सर यही सुनने मिलता है कि यदि यातायात पुलिस पहले ही सख्त कार्रवाई करती तो हादसा टाला जा सकता था। मगर सवाल यह भी है-क्या हमने खुद यातायात नियमों का ईमानदारी से पालन किया है? उत्तर साफ है: नहीं।

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यातायात पुलिस की अहम जिम्मेदारियां

यातायात पुलिस का मुख्य कार्य शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करना और सड़क हादसों को रोकना है। इसके लिए सड़कों पर संकेतक लगाना, नियमों का सख्ती से पालन कराना और लगातार जागरूकता अभियान चलाना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। कांकेर पुलिस इसी दिशा में लगातार प्रयास कर रही है।

वाहन चालकों की जिम्मेदारी कहीं ज्यादा बड़ी

दूसरी ओर, वाहन चालकों की जिम्मेदारी भी कम नहीं है। यदि सभी चालक ट्रैफिक नियमों का पालन करें, सावधानीपूर्वक वाहन चलाएं और दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखें, तो सड़क हादसों में निश्चित ही भारी कमी आ सकती है।

वाहन चालकों के लिए यह जरूरी है कि वे:

  • गति सीमा का पालन करें।
  • वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करें।
  • सीट बेल्ट व हेलमेट अनिवार्य रूप से पहनें।
  • सड़क पर पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों का विशेष ध्यान रखें।
  • मौसम व सड़क की स्थिति के अनुसार ड्राइविंग में सावधानी बरतें।
  • वाहन की नियमित देखरेख करें।
  • सड़क पर धैर्य और आदर का व्यवहार दिखाएं।

सड़क हादसों के चौंकाने वाले आंकड़े

कांकेर यातायात पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 01 जनवरी 2022 से 01 मार्च 2025 तक जिले में कुल 1044 सड़क दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं, जिनमें 1090 लोग घायल हुए और 645 लोगों ने अपनी जान गंवाई।

चौंकाने वाली बात यह है कि कोविड महामारी के दौरान, जब पूरी दुनिया में जीवन संकट में था, कांकेर जिले में 263 लोगों की मौत कोविड से हुई थी, जबकि सड़क हादसों में मौत का आंकड़ा इसका लगभग दो गुना है। यह स्थिति दर्शाती है कि सड़क हादसे एक ‘मूक महामारी’ बन चुके हैं, जिनकी रोकथाम केवल पुलिस के भरोसे नहीं की जा सकती।

यातायात पुलिस की कोशिशें और जनता की भूमिका

कांकेर यातायात प्रभारी ने बताया, “हम यातायात नियमों के पालन के लिए लगातार समझाइश, जागरूकता अभियान और चालानी कार्रवाई कर रहे हैं। मगर जब तक वाहन चालक स्वयं जिम्मेदारी नहीं समझेंगे, तब तक यह प्रयास अधूरे रहेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “सड़क पर हर वाहन चालक की सजगता ही उसकी और दूसरों की जान बचा सकती है, क्योंकि हर किसी के घर में उसका कोई इंतजार कर रहा होता है।”

नियम पालन ही बचाव का रास्ता

कांकेर में सड़क हादसों के भयावह आंकड़े यह साबित करते हैं कि यातायात नियमों की अनदेखी महंगी पड़ रही है। ऐसे में पुलिस की जिम्मेदारी जितनी बड़ी है, आम जनता की सजगता और जागरूकता भी उतनी ही आवश्यक है।

याद रखें एक छोटी सी लापरवाही किसी के परिवार को जीवन भर का दर्द दे सकती है।

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About Prakash Thakur

प्रकाश ठाकुर, पेज 16 न्यूज़ के मुख्य संपादक हैं। एवं वर्षों से निष्पक्ष, सत्य और जनहितकारी पत्रकारिता के लिए समर्पित एक अनुभवी व जिम्मेदार पत्रकार के रूप में कार्यरत हूँ।

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