
अंतागढ़:- अंतागढ़ क्षेत्र में रेलवे परियोजना शुरू होने पर स्थानीय जनता को विकास की उम्मीद जगी थी। लेकिन अब यह परियोजना क्षेत्र के सैकड़ों किसानों के लिए चिंता का कारण बन गई है। रेलवे के लिए अधिग्रहित की गई ज़मीन के बदले न तो किसानों को मुआवजा मिला है, और न ही नौकरी दी गई है।
इस अन्याय के खिलाफ रेलवे प्रभावित किसानों ने अंतागढ़ में आंदोलन शुरू कर दिया है। किसानों की इस लड़ाई को शिवसेना का भी समर्थन मिला है। आंदोलन स्थल पर पहुंचकर शिवसेना नेता रामनारायण उसड़ी, धर्मेंद्र यादव और प्रयाग नर्वस ने किसानों के साथ एकजुटता दिखाई।
शिवसेना करेगी किसानों के हक की लड़ाई
शिवसेना नेताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक किसानों को उनका हक नहीं मिल जाता, पार्टी उनके साथ खड़ी रहेगी।
उन्होंने कहा, “शिवसेना किसानों की मांगों को लेकर तन, मन, धन से संघर्ष करेगी और अंत तक उनकी लड़ाई में साथ निभाएगी।”
किसानों की प्रमुख मांगें
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अधिग्रहित ज़मीन का उचित मुआवजा
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प्रभावित परिवारों को रेलवे में नौकरी
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पुनर्वास और भरण-पोषण की ठोस व्यवस्था
स्थानीय लोगों और किसान संगठनों का आरोप है कि रेलवे प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा वादे किए गए थे, परंतु वर्षों बीतने के बावजूद उन्हें पूरा नहीं किया गया है।
जिला प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
किसानों का यह भी कहना है कि उनकी शिकायतों पर प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिल रही, जिससे किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है।
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