किसानों को मुआवज़ा और जांच की मांग

भानुप्रतापपुर:-शिवसेना नेता सुखचंद मडावी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मडावी ने कहा है कि ग्राम साल्हे में करीब 20 वर्ष पूर्व वन विभाग द्वारा जब्त किया गया लोह अयस्क कुछ किसानों की निजी जमीन पर रखा गया था। अब उस लोह अयस्क को नीलामी के ज़रिए करोड़ों रुपये में बेचा गया, लेकिन जिन किसानों की जमीन का उपयोग किया गया, उन्हें आज तक कोई किराया या मुआवजा नहीं मिला है।
आरोपों के केंद्र में पूर्व वन मंडल अधिकारी
मडावी का आरोप है कि जब इस विषय पर जानकारी के लिए भानुप्रतापपुर के पूर्व वन मंडल अधिकारी दुलेश्वर प्रसाद साहू से संपर्क किया गया, तो उन्होंने जानकारी देने में हीलाहवाली शुरू कर दी। उन्होंने दावा किया कि जप्त अयस्क में से हजारों टन लोह अयस्क को अवैध रूप से निजी कंपनियों को बेचा गया, और इस कथित हेराफेरी में पूर्व अधिकारी साहू की संलिप्तता भी है।
शिवसेना की मांग
शिवसेना नेता ने राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से इस मामले में दो प्रमुख मांगें की हैं:
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जिन किसानों की जमीन का उपयोग हुआ, उन्हें तुरंत उचित मुआवजा दिया जाए।
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अवैध बिक्री व भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की छवि बनी रहे।
प्रशासन से जवाब की अपेक्षा
इस मामले ने वन विभाग और प्रशासनिक प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना अहम होगा कि प्रशासन इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है, और क्या मुख्यमंत्री कार्यालय से इस प्रकरण पर कोई जांच या कार्रवाई के संकेत मिलते हैं। यह मामला अब स्थानीय राजनीति से उठकर राज्य स्तर पर चर्चा का विषय बनता जा रहा है, और यदि जांच के आदेश दिए जाते हैं, तो यह छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक ढांचे में एक बड़ी कार्यवाही की दिशा में पहला कदम साबित हो सकता है।
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