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भीषण गर्मी में बिजली विभाग की मनमानी, बिना सूचना कटौती से जनजीवन बेहाल
भीषण गर्मी में बिजली विभाग की मनमानी, बिना सूचना कटौती से जनजीवन बेहाल

भीषण गर्मी में बिजली कटौती बनी मुसीबत, विभाग की मनमानी से लोग बेहाल

भीषण गर्मी में बिजली विभाग की मनमानी, बिना सूचना कटौती से जनजीवन बेहाल
भीषण गर्मी में बिजली विभाग की मनमानी, बिना सूचना कटौती से जनजीवन बेहाल

कांकेर, :-प्रदेश में गर्मी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। आसमान से सूरज मानो आग बरसा रहा है। रोजाना 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हो रहा है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। इस प्रचंड गर्मी में बिजली विभाग की अनियोजित और मनमानी कटौती ने आम जनता की परेशानियों को कई गुना बढ़ा दिया है। नगर और आसपास के मोहल्लों में बिना पूर्व सूचना के बार-बार बिजली आपूर्ति बंद की जा रही है। एकतानगर, ठेल्काबोड़, उदयनगर, शिवनगर और गोविंदपुर जैसे इलाकों में 6 से 8 घंटे तक बिजली गुल रहना अब रोजमर्रा की समस्या बन चुकी है

तकनीकी खामियां या कुप्रबंधन….?

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बिजली विभाग बार-बार तार टूटने, ओवरलोड, पावरकट और उपकरण खराब होने जैसी तकनीकी खामियों का हवाला देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। वहीं जानकारों का मानना है कि विभाग में गुणवत्ताहीन उपकरणों की खरीद और ठेकेदारी प्रथा के वर्चस्व के चलते समस्या विकराल होती जा रही है। लालों और ठेकेदारों का कब्जा इस स्थिति को और गंभीर बना रहा है।

ग्रामीण इलाकों की स्थिति भी दयनीय

बिजली कटौती सिर्फ शहरी इलाकों तक सीमित नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में लो-वोल्टेज और ट्रांसफार्मर की कमी की समस्या वर्षों से जारी है। किसान सिंचाई के लिए पानी न मिलने के कारण परेशान हैं और उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं। वर्षों से ट्रांसफार्मर की मांग को लेकर ग्रामीण जिला कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन और दिलासा ही मिलता है।

132 केवी सब स्टेशन के बावजूद उम्मीदें टूटीं

एकतानगर में 132 केवी सब स्टेशन स्थापित होने के बावजूद ठेल्काबोड़, उदयनगर, शिवनगर और गोविंदपुर जैसे इलाकों में लगातार बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है। जिन मोहल्लों के निवासियों को राहत की उम्मीद थी, वही आज सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, और स्थिति अब भी जस की तस है।

जहां आम नागरिक बिजली कटौती से बेहाल हैं, वहीं नगर के होटलों और राइस मिलों के पास आसानी से बड़े ट्रांसफार्मर देखने को मिल जाते है जो बिजली विभाग की दयालुता और प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करती है। आम जनता के लिए एक कनेक्शन पाना भी मुश्किल है, जबकि व्यवसायिक हितों के लिए तुरंत कार्यवाही होती है।

राजनीतिक खामोशी पर भी सवाल

बिजली की इस गंभीर समस्या पर जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। सत्ता पक्ष की चुप्पी तो समझी जा सकती है, लेकिन विपक्ष की खामोशी ने जनता को निराश किया है। नगरवासी सवाल कर रहे हैं कि आम जनता की इस परेशानी पर पक्ष-विपक्ष दोनों मौन क्यों हैं…? प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच बिजली विभाग की लापरवाही और प्रशासनिक उदासीनता ने आम जनता को मुश्किल में डाल दिया है। आवश्यकता है कि विभाग पारदर्शी व्यवस्था के तहत समस्याओं का समाधान करे और नागरिकों को राहत पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाए।

 

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About Prakash Thakur

प्रकाश ठाकुर, पेज 16 न्यूज़ के मुख्य संपादक हैं। एवं वर्षों से निष्पक्ष, सत्य और जनहितकारी पत्रकारिता के लिए समर्पित एक अनुभवी व जिम्मेदार पत्रकार के रूप में कार्यरत हूँ।

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