उल्लंघन पर दी कार्यवाही की चेतावनी
बिलासपुर:- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने न्यायालय की मर्यादा और कार्रवाई की गोपनीयता बनाए रखने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को न्यायालय परिसर में ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मनीष कुमार ठाकुर ने आदेश जारी किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि निर्देशों की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पक्षकार, वादीगण, अधिवक्ता और उनके क्लर्क यदि न्यायालय कक्ष में मौजूद रहते हैं, तो वे किसी भी स्थिति में मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (चाहे वह स्विच ऑफ मोड पर ही क्यों न हो) भीतर न ले जाएं। साथ ही कोर्ट की किसी भी कार्यवाही को रिकॉर्ड करने पर पूरी तरह रोक लगाई गई है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर इन निर्देशों का उल्लंघन किया गया तो दोषियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (न्यायालय कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग) नियम, 2022 के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट में पहले से ही मोबाइल को साइलेंट मोड में रखने की हिदायत थी, ताकि न्यायालय की कार्रवाई के दौरान कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। इसके बावजूद हाल के दिनों में कोर्ट रूम के भीतर मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ऑन स्थिति में ले जाने की घटनाओं के मद्देनजर यह सख्त आदेश जारी करना पड़ा।
सूत्रों के मुताबिक, यह आदेश मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर तैयार किया गया है ताकि अदालत की गरिमा और न्यायिक प्रक्रिया की गोपनीयता बनी रहे।
रजिस्ट्रार जनरल ने अधिवक्ताओं और उनके क्लर्कों से अपील की है कि वे इन निर्देशों का गंभीरता से पालन करें और कोर्ट की गरिमा बनाए रखने में सहयोग करें। हाई कोर्ट प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि न्यायालय परिसर में अनुशासन और मर्यादा भंग करने वाली किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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