डीएफओ पर मिलीभगत का आरोप, शिवसेना ने की सख्त कार्यवाही की मांग
कांकेर:-भानुप्रतापपुर ब्लॉक के ग्राम कच्चे स्थित गोदावरी इस्पात प्राइवेट लिमिटेड पर अपने खदान क्षेत्र में लगभग 5000 पेड़ों की अवैध कटाई करने का गंभीर आरोप सामने आया है। बताया जा रहा है कि कंपनी ने बिना अनुमति बड़े पैमाने पर वृक्षों की कटाई कर दी और कटे हुए पेड़ों की लकड़ी को भी मौके से हटा दिया गया।
मामले ने तब और तूल पकड़ा जब शिवसेना ने आरोप लगाया कि वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, विशेषकर पूर्व डीएफओ जैन, कंपनी से मिलीभगत कर पूरे प्रकरण को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, अवैध कटाई की शिकायत के बाद वन विभाग ने आंतरिक जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से अवैध वृक्ष कटाई की पुष्टि हुई। इसके बावजूद, अब तक गोदावरी इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कोई ठोस कानूनी या प्रशासनिक कार्यवाही नहीं की गई है।
इस निष्क्रियता पर शिवसेना ने वन विभाग के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह पर्यावरण और वन संपदा की सुरक्षा के प्रति “गंभीर उदासीनता” को दर्शाता है।
शिवसेना के आरोप और मांग
शिवसेना के प्रदेश महासचिव चंद्रमौली मिश्रा ने पूर्व डीएफओ जैन पर सीधे तौर पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा,
“यह साफ है कि पूर्व वन मंडल अधिकारी गोदावरी इस्पात के साथ मिलकर पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे अधिकारी पर्यावरण सुरक्षा के प्रति संवेदनहीन हैं।”
मिश्रा ने आगे मांग की कि इस मामले में तत्काल पी.ओ.आर दर्ज कर, संबंधित कंपनी और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए।
जनता में बढ़ा रोष, प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
यह मामला अब भानुप्रतापपुर और आसपास के इलाकों में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। स्थानीय नागरिक वन विभाग और जिला प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं। पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना को लेकर चिंता जताई है और राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि शिवसेना की मांगों और जनता के दबाव के बाद प्रशासन इस संवेदनशील मामले में कब और क्या कदम उठाता है
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