नरबलि के आरोप में 05 आरोपी गिरफ्तार
मुंगेली:- आज दुनिया चांद पर बस्तियाँ बसाने की बातें कर रही है, तब भी भारत के कई ग्रामीण अंचल अंधविश्वास, तंत्र-मंत्र और काले जादू के अंधकार में डूबे हुए हैं। मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक अंतर्गत ग्राम कोसाबाड़ी से सामने आया मामला मानवता को झकझोर कर रख देता है।
12 अप्रैल 2025, पूनम की रात—जब पूरा गांव गहरी नींद में था, तभी 7 साल की मासूम का अपहरण हो गया। यह अपहरण किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि चचेरे भाई-भाभी, एक तांत्रिक और दो अन्य लोगों ने मिलकर किया। मकसद था तंत्र-मंत्र के ज़रिए धन प्राप्ति के लिए नरबलि देना।
पीड़िता को गांव के श्मशान घाट ले जाकर बेरहमी से उसकी बलि दे दी गई। एक महीने बाद उसी श्मशान से एक नरकंकाल बरामद हुआ। पुलिस ने कंकाल का डीएनए परीक्षण करवाया, जो लाली के माता-पिता के डीएनए से मेल खा गया।
घटना सामने आते ही पूरे इलाके में सन्नाटा और गुस्सा फैल गया। पीसीसी प्रमुख दीपक बैज के नेतृत्व में बेटी बचाओ, न्याय यात्रा” निकाली गई, जिससे मामला राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया। प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया।
मुंगेली पुलिस ने इस संवेदनशील केस को सुलझाने के लिए ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट का सहारा लिया। चार महीने की गहन जांच के बाद सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
यह सिर्फ हत्या नहीं, एक चेतावनी है
यह मामला केवल मासूम की हत्या नहीं, बल्कि उस सामाजिक बुराई की तस्वीर है जो अब भी ग्रामीण भारत की नसों में ज़हर बनकर दौड़ रही है। कब तक मासूम बच्चियों को तांत्रिक बलि के नाम पर कुर्बान किया जाएगा? क्या अंधविश्वास से लड़ने के लिए अब भी इंतज़ार करेंगे?
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