नरहरपुर अंतागढ़ इलाके के गाँव गाँव बिक रहा विदेशी शराब

रमन सरकार के शासनकाल में शराब कोचियों पर नकेल कसने के उद्देश्य से शराब दुकानों का सरकारीकरण किया गया था। कांग्रेस सरकार ने शराब को लेकर गंगा जल की कसम खाई, और अब विष्णुदेव के नेतृत्व में सरकार शराब दुकानों के आंकड़े में इजाफा करने जा रही है। हालांकि, इस बदलाव के बावजूद अवैध शराब का कारोबार रोकने में कोई सफलता नहीं मिल रही है। अवैध शराब की बिक्री लगातार जारी है,
कांकेर जिला में शराब माफिया का नेटवर्क बेहद मजबूत है, और अवैध शराब की बिक्री बेखौफ जारी है। बस्तर जिले के अन्य हिस्सों की तुलना में कांकेर में अवैध शराब का कारोबार और भी बढ़ गया है। यहां तक कि आबकारी विभाग के कुछ भ्रष्ट कर्मचारी अवैध वसूली के लिए खुद को फर्जी आईएएस अधिकारी भी बना चुके हैं।
अंतागढ़ और नरहरपुर इलाके विशेष रूप से अवैध शराब बिक्री के लिए चर्चित हैं। बीते माह नरहरपुर ब्लॉक के ग्राम जामगांव में पुलिस ने एक युवक को विदेशी शराब बेचते हुए गिरफ्तार किया था। इसके अलावा, सरोना, दुधावा, बासनवाही, मांडाभर्री, घोटियावाही, जुनवानी, और सुरही बनसागर जैसे इलाके में भी अवैध शराब का कारोबार बदस्तूर जारी है।
अंतागढ़ इलाके में स्थिति और भी गंभीर है, जहां नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का फायदा उठाकर शराब की अवैध बिक्री की जाती है। सरकारी शराब दुकानों में शराब की बोतल पर अंकित कीमत से ज्यादा कीमत पर बेची जाती है, और कोचिये सरकारी शराब बिक्री के लक्ष्य को पूरा करने में मददगार बने हुए हैं। इन सब हालातों ने यह साबित कर दिया है कि सरकारीकरण के बावजूद अवैध शराब का कारोबार पहले की तरह जारी है, और इस पर नियंत्रण पाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।
कांकेर जिले नरहरपुर और अंतागढ़ इलाके में अवैध शराब बिक्री रोकने और कोचियों पर आबकारी विभाग किस तरह की कार्यवाही करेगी इस सवाल के जवाब के लिए जब जिला आबकारी अधिकारी से उनके मोबाईल पे फोन किया गया तो उन्होंने फोन उठाने की जहमत नहीं उठाई जिससे इस मसले पर उनका पक्ष नहीं लिया जा सका अब इस बात का इंतिजार रहेगा की आबकारी विभाग शराब कोचियों पे क़ोई कार्यवाही करता है या सराकरी शराब दुकानों के आंकड़ों में इजाफा के साथ कोचियों के आंकड़ों में भी इजाफा होता है
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