Breaking News
भिरौद रेत खदान में मारपीट तीन जिलों के वाहन संघों ने किया बहिष्कार
भिरौद रेत खदान में मारपीट तीन जिलों के वाहन संघों ने किया बहिष्कार

दुर्गुकोंदल के सटेली नदी में रेत का अवैध उत्खनन जारी, विपक्षी की चुप्पी पर सवाल

बेधड़क जारी है अवैध रेत उत्खनन का कारोबार....विपक्ष की खामोशी पर सुलगते सवाल
बेधड़क जारी है अवैध रेत उत्खनन का कारोबार….विपक्ष की खामोशी पर सुलगते सवाल

भानुप्रतापपुर:- कांकेर जिले के दुर्गुकोंदल ब्लॉक की सटेली नदी में बीते चार दिनों से अवैध रेत उत्खनन का मामला गरमाया हुआ है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार यह कार्य चारामा क्षेत्र के एक भाजपा कार्यकर्ता द्वारा किया जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस गंभीर मामले पर तो प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई की गई है, और ही विपक्ष में बैठी कांग्रेस के विधायक या उनके कार्यकर्ता कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

न्याय की उम्मीद लेकिन कार्रवाई नहीं

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अवैध उत्खनन खुलेआम हो रहा है, लेकिन प्रशासन मौन है। आरोप हैं कि संबंधित अधिकारी मोटे कमीशन के बदले कार्यवाही से परहेज कर रहे हैं। इससे केवल सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की हानि हो रही है, बल्कि यह अवैध कारोबार क्षेत्र में भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों को भी जन्म दे रहा है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

नदी का कटाव और किसानों की चिंता

रेत उत्खनन का सीधा असर दी के किनारे बसे किसानों की ज़मीन पर भी देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जितना ज्यादा रेत निकाली जाएगी, नदी का तल गहराता जाएगा, जिससे किनारों का कटाव बढ़ेगा और खेती योग्य भूमि को नुकसान पहुँचेगा। स्थानीय किसान का कहना है, “हमारा खेत नदी के पास है। हर साल थोड़ा-बहुत कटाव होता था, लेकिन अब जबसे रेत का अवैध उत्खनन शुरू हुआ है, नुकसान दोगुना हो गया है। हमें डर है कि आने वाले समय में हमारी जमीन ही बह जाएगी।”


विपक्ष की चुप्पी पर भी सवाल

सामान्यतः विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार को घेरने का काम करता है, लेकिन इस प्रकरण में कांग्रेस के स्थानीय विधायक कार्यकर्ता पूरी तरह से मौन हैंइससे लोगों के बीच यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या इस अवैध कारोबार में राजनीतिक मिलीभगत भी शामिल है…?


प्रशासन की निष्क्रियता या मिलीभगत…?

वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट है कि स्थानीय प्रशासन और खनिज विभाग की निष्क्रियता भी इस समस्या को बढ़ावा दे रही है। यदि समय रहते कार्यवाही नहीं की गई, तो यह मामला केवल पर्यावरणीय संकट बन सकता है, बल्कि स्थानीय लोगों का प्रशासन से विश्वास भी डगमगा सकता है। सटेली नदी में जारी रेत का अवैध उत्खनन केवल कानून व्यवस्था का उल्लंघन नहीं, बल्कि कृषि, पर्यावरण और सरकारी राजस्व के लिए भी गंभीर खतरा है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस विषय पर कब तक चुप्पी साधे रहते हैं, या वास्तव में कोई ठोस कदम उठाते हैं।

Was this article helpful?
YesNo

Live Cricket Info

About Prakash Thakur

प्रकाश ठाकुर, पेज 16 न्यूज़ के मुख्य संपादक हैं। एवं वर्षों से निष्पक्ष, सत्य और जनहितकारी पत्रकारिता के लिए समर्पित एक अनुभवी व जिम्मेदार पत्रकार के रूप में कार्यरत हूँ।

Check Also

जन सहयोग की मानवीय पहल ने रचा सेवा का अनुकरणीय उदाहरण

जन सहयोग की मानवीय पहल ने रचा सेवा का अनुकरणीय उदाहरण

मरणासन्न मनोरोगी को मिला जीवनदान Follow Us कांकेर:- एक बार फिर संवेदनशीलता और सेवा भावना …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *