
कांकेर:- 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कांकेर जिले में जहां विभिन्न संस्थानों और विद्यालयों में योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित किए गए, वहीं इस बार जेल प्रशासन और गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ के सहयोग से कांकेर जिला जेल में बंदियों को योग से जोड़ने की सराहनीय पहल की गई।
इस वर्ष की थीम योग से स्वस्थ जीवन पर आधारित इस कार्यक्रम में जेल परिसर में आयोजित योग शिविर ने बंदियों को न केवल शारीरिक व्यायाम का महत्व बताया, बल्कि मानसिक शांति और आत्म-संयम की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः जेल परिसर में गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ के प्रशिक्षकों द्वारा की गई। जेलर श्रीमती रेणु ध्रुव, मेडिकल ऑफिसर और समस्त जेल स्टाफ की उपस्थिति में कुल 295 बंदियों ने सामूहिक रूप से प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका तथा अन्य योगासन का अभ्यास किया। प्रशिक्षकों ने सरल भाषा में योग के लाभों और इसे जीवनशैली में शामिल करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
जेलर का संदेश
इस अवसर पर जेलर श्रीमती रेणु ध्रुव ने कहा, “योग मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करता है। हम चाहते हैं कि बंदी योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं ताकि वे मानसिक तनाव को दूर कर आत्मिक शांति प्राप्त कर सकें।”
समाज के लिए नई दिशा
जेल प्रशासन की यह पहल एक सकारात्मक सामाजिक संदेश देती है कि योगाभ्यास केवल आम नागरिकों तक ही सीमित नहीं, बल्कि यह जेल जैसी संस्थाओं में भी सुधारात्मक प्रक्रिया का प्रभावी साधन बन सकता है।
कांकेर जिला जेल में आयोजित इस अनूठे आयोजन ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को सामाजिक पुनर्वास की दिशा में एक नई मिसाल दी है और यह दिखाया है कि योग हर वर्ग और हर परिस्थिति में जीवन को बेहतर बनाने की ताकत रखता है।
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