Breaking News
भिरौद रेत खदान में मारपीट तीन जिलों के वाहन संघों ने किया बहिष्कार
भिरौद रेत खदान में मारपीट तीन जिलों के वाहन संघों ने किया बहिष्कार

भिरौद रेत खदान में फिर नया बवाल, तीन जिलों के परिवहन संघ ने किया बहिष्कार

भिरौद रेत खदान में मारपीट तीन जिलों के वाहन संघों ने किया बहिष्कार
फ़ाइल फोटो:- भिरौद रेत खदान में मारपीट तीन जिलों के वाहन संघों ने किया बहिष्कार

कांकेर:- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार द्वारा हेलीकॉप्टर से निगरानी जैसी हाईटेक पहल के बावजूद छत्तीसगढ़ में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में कांकेर जिले के चारामा क्षेत्र स्थित भिरौद रेत खदान में मारपीट,और जबरन वसूली की गंभीर घटना ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना के बाद तीन जिलों का व्यापारिक बहिष्कार

24 मई की रात कुछ अज्ञात लोग स्कॉर्पियो वाहन में सवार होकर भिरौद रेत खदान पहुंचे। वाहन चालकों से पीटी पास जांच के नाम पर मारपीट की गई, उनसे रुपये छीने गए और कई हाईवा ट्रकों को जबरन रोक लिया गया। वाहन मालिकों की सूचना पर पुलिस और खनिज विभाग ने हस्तक्षेप कर वाहनों को रिहा करा  चारामा थाने में शिकायत की गई है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

इस घटना के बाद बालोद, दुर्ग और राजनांदगांव के हाईवा परिवहन संघों ने चारामा क्षेत्र के रेत खदानों से रेत खरीदी का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है।

बालोद हाईवा संघ के अध्यक्ष गोपाल राठी ने ‘Page 16 News’ से बात करते हुए कहा,

“हम कारोबारी लोग हैं और पड़ोसी जिले कांकेर से वैध रूप से रेत खरीदते हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं अब असहनीय हो गई हैं। हमारे वाहन चालकों से मारपीट कर, पैसे छीनकर, वाहन जब्त करवाने की कोशिश की गई। इस असुरक्षा के माहौल में हमने कांकेर से रेत खरीदने का बहिष्कार करने का फैसला लिया है और अब धमतरी से रेत खरीदी करेंगे।”

सफेदपोशों की संलिप्तता की आशंका

गोपाल राठी ने खुलासा किया कि मारपीट करने वाले लोगों के साथ सफारी ड्रेस पहने गनर भी मौजूद थे। यह इशारा करता है कि इस घटना में केवल असामाजिक तत्व ही नहीं, बल्कि राजनीतिक या प्रभावशाली तत्व भी संलिप्त हो सकते हैं।

नाकामी और निर्माण कार्यों पर असर

भिरौद रेत खदान सहित अन्य खदानों का संचालन पहले से विवादों में रहा है। जिला प्रशासन ने कुछ समय पूर्व अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए रेत उत्खनन और परिवहन पर रोक लगाई थी। लेकिन भारत माता एक्सप्रेसवे और मेडिकल कॉलेज जैसे निर्माण कार्यों को ध्यान में रखते हुए फिर से कुछ खदानों को अनुमति दी गई। अब परिवहन संघ के बहिष्कार ने इन सरकारी प्रोजेक्ट्स को संकट में डाल दिया है।

पुराना इतिहास, नई चुनौती

चारामा क्षेत्र में रेत कारोबार को लेकर पहले भी विवाद हो चुके हैं। भाजपा नेताओं के बीच आपसी झगड़े और खनन क्षेत्र में मारपीट की घटनाएं पहले भी सुर्खियों में रही हैं। एक बार तो भाजपा जिलाध्यक्ष का नाम भी रेत कारोबार से जोड़ दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने स्वयं छापामारी कर जिला प्रशासन से कार्रवाई की मांग करना पड़ा।

पुलिस का बयान

चारामा थाना प्रभारी ने घटना पर बताया कि, “वाहन चालकों की ओर से शिकायत प्राप्त हुई है। जांच जारी है, जांच उपरांत उचित कार्रवाई की जाएगी।”

भिरौद रेत खदान में हालिया घटना ने यह साबित कर दिया है कि रेत का अवैध कारोबार अब सिर्फ आर्थिक लाभ का नहीं, बल्कि सत्ता, सुरक्षा और साख का मसला बन चुका है। स्कॉर्पियो, गनर और सफेदपोशों की भागीदारी से यह साफ हो गया है कि यह “रेत माफिया” अब पूरी व्यवस्था को चुनौती देने की स्थिति में है।

सरकार और प्रशासन के लिए यह समय है सख्त कार्रवाई का, नहीं तो रेत के नाम पर बहता यह “गैरकानूनी मुनाफा” प्रदेश की कानून व्यवस्था को कहीं गहरे गड्ढे में न गिरा दे।

Was this article helpful?
YesNo

Live Cricket Info

About Prakash Thakur

प्रकाश ठाकुर, पेज 16 न्यूज़ के मुख्य संपादक हैं। एवं वर्षों से निष्पक्ष, सत्य और जनहितकारी पत्रकारिता के लिए समर्पित एक अनुभवी व जिम्मेदार पत्रकार के रूप में कार्यरत हूँ।

Check Also

महिला प्रहरियों ने सहायक जेल अधीक्षक पर लगाए आरोप

जिला कलेक्टर के दरबार पहुचा सहायक जेल अधीक्षक की शिकायत

जेल अधीक्षक ने शिकाकत को बताया दुर्भाग्यपूर्ण  Follow Us कांकेर: कांकेर जिला जेल एक बार …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *