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हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिव की बिगड़ी तबियत ईलाज के दौरान हुई मौत...17 मार्च से शासकीयकरण के मांग को लेकर पंचायत सचिव का जारी है आदोंलन....पंचायत सचिव की मौत से बिफरा सचिव संघ
हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिव की बिगड़ी तबियत ईलाज के दौरान हुई मौत...17 मार्च से शासकीयकरण के मांग को लेकर पंचायत सचिव का जारी है आदोंलन....पंचायत सचिव की मौत से बिफरा सचिव संघ

आंदोलनरत पंचायत सचिव की मौत 28 दिनों से चल रही है सचिवों की बेमुद्दत हड़ताल

हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिव की बिगड़ी तबियत ईलाज के दौरान हुई मौत...17 मार्च से शासकीयकरण के मांग को लेकर पंचायत सचिव का जारी है आदोंलन....पंचायत सचिव की मौत से बिफरा सचिव संघ
हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिव की बिगड़ी तबियत ईलाज के दौरान हुई मौत…17 मार्च से शासकीयकरण के मांग को लेकर पंचायत सचिव का जारी है आदोंलन….पंचायत सचिव की मौत से बिफरा सचिव संघ

प्रदेश में पंचायत सचिवों की बेमुद्दत हड़ताल का 28वां दिन, 

कोरबा:- छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिवों का आदोंलन आज 28वें दिन भी जारी रही। हड़ताल के चलते प्रदेश की पंचायत व्यवस्था लगभग ठप पड़ी हुई है। इस बीच कोरबा जिले से एक दुखद समाचार सामने आया है, जहां आंदोलन में शामिल एक पंचायत सचिव की उपचार के दौरान मौत हो गई।

मृत सचिव की पहचान राजकुमार कश्यप के रूप में हुई है, जो कोरबा जिले के कुटेलामुंडा पंचायत में पदस्थ थे और मूल रूप से उड़ता गांव के निवासी थे। बताया जा रहा है कि हड़ताल स्थल पर अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें स्थानीय विनायक हॉस्पिटल ले जाया गया। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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राजकुमार कश्यप की मौत के बाद सचिव संघ में शोक और आक्रोश दोनों ही देखे जा रहे हैं। साथियों का कहना है कि प्रदेश सरकार की बेरुखी और लगातार हो रही उपेक्षा ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से थका दिया है। सचिव संघ ने राजकुमार की मौत को सरकार की संवेदनहीनता का परिणाम बताया है।

इस घटना के बाद मृतक सचिव के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। सचिव संघ ने सरकार से मृतक के परिजनों को समुचित मुआवज़ा देने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है। साथ ही सरकार से यह अपील भी की गई है कि सचिवों की मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर जल्द से जल्द शासकीयकरण की प्रक्रिया शुरू की जाए।

गौरतलब है कि पंचायत सचिव 17 अप्रैल से बेमुद्दत हड़ताल पर हैं, जिसके कारण ग्राम पंचायतों में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, पेंशन, मनरेगा भुगतान, ग्रामीण आवास योजना सहित तमाम योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। पंचायत चुनाव के बाद सचिवों के हड़ताल पर चले जाने से गांवों के विकास कार्य भी पूरी तरह से ठप हो चुके हैं।

अब देखना होगा कि इस घटना के बाद प्रदेश सरकार क्या कदम उठाती है और सचिवों की वर्षों पुरानी मांग पर कोई ठोस निर्णय लेती है या नहीं।

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About Prakash Thakur

प्रकाश ठाकुर, पेज 16 न्यूज़ के मुख्य संपादक हैं। एवं वर्षों से निष्पक्ष, सत्य और जनहितकारी पत्रकारिता के लिए समर्पित एक अनुभवी व जिम्मेदार पत्रकार के रूप में कार्यरत हूँ।

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