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बस्तर अंचल के आदिवासियों की उपेक्षा, उनके अधिकारों के हनन और क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों पर शासन-प्रशासन को चेताया।
बस्तर अंचल के आदिवासियों की उपेक्षा, उनके अधिकारों के हनन और क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों पर शासन-प्रशासन को चेताया।

सर्व आदिवासी समाज ने पत्रकारवार्ता में उठाए 10 बड़े मुद्दे, दी जनआंदोलन की चेतावनी

अवैध बांग्लादेशियों पर सख्त कार्यवाही और स्थानीय अधिकारों की मांग

कांकेर:- सर्व आदिवासी समाज जिला कांकेर ने शनिवार को प्रेस क्लब कांकेर में आयोजित प्रेस वार्ता में बस्तर अंचल के आदिवासियों की उपेक्षा, उनके अधिकारों के हनन और क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों पर शासन-प्रशासन को चेताया। समाज ने अवैध बांग्लादेशी नागरिकों पर कठोर कार्यवाही से लेकर शिक्षा, रोजगार और खनिज संपदा के संरक्षण तक अनेक मुद्दों पर अपनी स्पष्ट मांगें सामने रखीं।

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए समाज के जिला अध्यक्ष कन्हैया उसेंडी ने कहा कि बस्तर और कांकेर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक लगातार आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा, जंगलों का नष्टकरण और आदिवासी बेटियों का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, सरकार की टास्क फोर्स रोहिंग्या मुसलमानों की खोज तक ही सीमित है, जबकि बिना ग्रीन कार्ड वाले अवैध बांग्लादेशियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने मुसाफिरी पंजीयन को अनिवार्य करने और स्थानीय संस्कृति, सामाजिक, राजनीतिक और कानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाने की मांग की।

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सर्व आदिवासी समाज ने तृतीय व चतुर्थ श्रेणी शासकीय सेवाओं में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की मांग की। समाज का कहना था कि व्यापम जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में आदिवासी युवाओं को बाहरी उम्मीदवारों से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है, जबकि क्षेत्र की शैक्षणिक परिस्थितियां समान नहीं हैं। समाज ने विभागों में प्रमोशन प्रक्रिया को तेज करने की बात भी कही ताकि नए पद सृजित हो सकें और युवाओं को रोजगार का अवसर मिले।

जिला प्रवक्ता तामेश्वर नाग ने कहा कि शिक्षकों के सेटअप में कटौती से शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्थानीय भाषा में शिक्षा देने की बात की जा रही है, लेकिन बस्तर के स्कूलों में स्थानीय भाषा जानने वाले शिक्षकों की कमी है।

पारधी समाज को जाति प्रमाण पत्र न मिलने की समस्या पर समाज ने गहरी चिंता जताई। समाज का कहना था कि इससे पारधी समाज के बच्चे शिक्षा और शासकीय सेवाओं से वंचित रह जाते हैं। आश्रमों और छात्रावासों में बालिकाओं के साथ हो रही घटनाओं को लेकर भी प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की गई।

सर्व आदिवासी समाज ने बस्तर की खान-खदानों के निजीकरण पर विरोध जताते हुए इसे आदिवासी हितों के खिलाफ बताया। समाज ने मांग की कि खनिज संपदा का दोहन सार्वजनिक उपक्रमों के माध्यम से हो, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिले और क्षेत्र का विकास हो। पेशा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन और उसमें आवश्यक संशोधनों को प्राथमिकता देने की भी मांग की गई।

समाज ने चेताया है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई तो वे बड़े जनआंदोलन की राह अपनाएंगे। समाज ने सभी आदिवासी संगठनों और जागरूक नागरिकों से इस संघर्ष में एकजुट होने की अपील की।

इस प्रेस वार्ता में उपाध्यक्ष डी.आर.ध्रुव, हवा समाज जिला अध्यक्ष प्रकाश दीवान, ब्लॉक अध्यक्ष  विनोद शोरी, पारधी समाज जिला अध्यक्ष भगवान सिंह शोरी, ध्रुव गोंड समाज प्रमुख  रत्तू राम नेताम सहित अनेक समाजजन उपस्थित रहे।

 

 

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About Prakash Thakur

प्रकाश ठाकुर, पेज 16 न्यूज़ के मुख्य संपादक हैं। एवं वर्षों से निष्पक्ष, सत्य और जनहितकारी पत्रकारिता के लिए समर्पित एक अनुभवी व जिम्मेदार पत्रकार के रूप में कार्यरत हूँ।

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