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नरहरपुर वन परिक्षेत्र में मादा तेंदुए ने दिए दो शावकों को जन्म
कांकेर वन मंडल में वन्यजीव संरक्षण के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयास अब सकारात्मक परिणाम दे रहे हैं। वन्य जीवों की बढ़ती आबादी इस बात का प्रमाण है कि क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए सुरक्षित एवं अनुकूल वातावरण बन रहा है।

वन्यजीव संरक्षण की बड़ी सफलता: नरहरपुर वन परिक्षेत्र में मादा तेंदुए ने दिए दो शावकों को जन्म

वन विभाग की निगरानी में सुरक्षित है तेंदुआ परिवार, ग्रामीणों को किया गया सतर्क

वन्यजीव संरक्षण के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयास अब सकारात्मक परिणाम दे रहे हैं। वन्य जीवों की बढ़ती आबादी इस बात का प्रमाण है कि क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए सुरक्षित एवं अनुकूल वातावरण बन रहा है।

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कांकेर: – कांकेर वन मंडल में वन्यजीव संरक्षण के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयास अब सकारात्मक परिणाम दे रहे हैं। वन्य जीवों की बढ़ती आबादी इस बात का प्रमाण है कि क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए सुरक्षित एवं अनुकूल वातावरण बन रहा है। इसी कड़ी में नरहरपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम चनार से एक सुखद समाचार सामने आया है, जहाँ एक मादा तेंदुए ने दो शावकों को जन्म दिया है।

वन विभाग के अनुसार, लगभग एक सप्ताह पूर्व ग्राम चनार के पहाड़ी क्षेत्र में मादा तेंदुए ने अपने दो शावकों को जन्म दिया था। हाल ही में यह शावक गाँव के समीप स्थित जुनवानी भर्रीपारा क्षेत्र के एक खेत में देखे गए। वन विभाग को संदेह है कि पास ही स्थित एक गिट्टी खदान में हुए विस्फोट के तेज़ धमाकों से घबराकर मादा तेंदुआ अपने शावकों के साथ वहां से अस्थायी रूप से हट गई थी।

ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना पर नरहरपुर वन परिक्षेत्र अधिकारी चरण सिंह ठाकुर के नेतृत्व में वन अमला तत्काल मौके पर पहुँचा, और दिनभर शावकों की गतिविधियों पर निगरानी रखी। अधिकारी ठाकुर ने बताया कि “सूर्यास्त के बाद मादा तेंदुआ अपने शावकों को लेकर सुरक्षित रूप से वापस पहाड़ी क्षेत्र की ओर लौट गई है।”

वन विभाग ने क्षेत्र के ग्रामीणों को सावधानी बरतने तथा तेंदुआ परिवार से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी गई है, और वन्यजीवों की गतिविधियों पर लगातार नज़र रखी जा रही है।

यह कोई पहली घटना नहीं है – कुछ माह पूर्व नगर के डुमाली पहाड़ में भी एक मादा तेंदुआ अपने चार शावकों के साथ देखी गई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कांकेर क्षेत्र में तेंदुओं की संख्या में स्थिर वृद्धि हो रही है।

वन्यजीव विशेषज्ञों और विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यह घटनाएं न केवल जैव विविधता के संरक्षण का संकेत हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि मानवीय हस्तक्षेप को नियंत्रित कर और उपयुक्त संरक्षण नीति अपनाकर वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रखा जा सकता है।

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About Prakash Thakur

प्रकाश ठाकुर, पेज 16 न्यूज़ के मुख्य संपादक हैं। एवं वर्षों से निष्पक्ष, सत्य और जनहितकारी पत्रकारिता के लिए समर्पित एक अनुभवी व जिम्मेदार पत्रकार के रूप में कार्यरत हूँ।

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