
कांकेर:- नगर पालिका कांकेर के अघननगर वार्ड स्थित दुधावा तालाब में चल रहे सफाई एवं गहरीकरण कार्य को लेकर राजनीतिक पारा चढ़ता जा रहा है। कांग्रेस ने सोमवार को एक बार फिर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि तालाब के लिए निकाले गए टेंडर को जानबूझकर रोका जा रहा है, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका गहराती जा रही है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि टेंडर को जल्द नहीं खोला गया, तो जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
ज्ञापन में लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में उल्लेख किया कि दुधावा तालाब के गहरीकरण, मिट्टी समतलीकरण और परिवहन जैसे कार्य जनसहयोग के नाम पर कराए जा रहे हैं, जबकि इन्हीं कार्यों के लिए 15 मई 2025 को टेंडर भरा गया और उसे 16 मई को खोला जाना था। लेकिन आज दिनांक तक टेंडर नहीं खोला गया है।
ज्ञापन के मुताबिक, “अगर कार्य जनसहयोग से हो रहा है, तो फिर टेंडर की आवश्यकता ही क्यों पड़ी? और यदि टेंडर निकाला गया है, तो उसे अब तक खोला क्यों नहीं गया?” कांग्रेस नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि टेंडर प्रक्रिया को सीएमओ के स्तर पर रोकना, कलेक्टर का “इंस्ट्रक्शन” बताकर टालना, सीधे तौर पर संभवित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
पालिका में विवाद, ठेकेदार ने भी लगाए आरोप
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि 06 जून को पालिका अधिकारी और ठेकेदार के बीच टेंडर को लेकर तीखी नोकझोंक हो चुकी है, जिसके बाद कुछ समय के लिए कार्य बंद करना पड़ा था। ठेकेदार की ओर से भी प्रशासन पर भेदभाव और पारदर्शिता की कमी के आरोप लगाए गए हैं।
कांग्रेस का तीखा हमला
कांग्रेस के जिला महामंत्री ने इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा,
“अगर आप जनता के काम करने आए हैं, तो ईमानदारी से काम करें। हम विकास में साथ देंगे। लेकिन अगर आपकी मंशा जनता के टैक्स के पैसों को ‘इंटरेस्ट’ में डुबाने की है, तो चेतावनी है — हम हर स्तर पर विरोध करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा,
“शहर की जनता के पैसों की बंदरबांट बर्दाश्त नहीं होगी। या तो नियत साफ करें, या इस्तीफा देकर घर बैठें।”
ज्ञापन में कौन-कौन रहे शामिल
इस मौके पर ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ठाकुर, नरेश ठाकुर, सुनील गोस्वामी, अजय रेणु, यासीन कराणी, लोमेंद्र यादव, किशन साहू, विजय यादव, ओमप्रकाश देवांगन, कैमुद व्यास समेत कई अन्य नेता और कार्यकर्ता शामिल रहे।
निष्कर्ष: पारदर्शिता की मांग या राजनीति का दबाव ?
दुधावा तालाब में चल रहे कार्य और टेंडर प्रक्रिया को लेकर उठे सवाल नगर विकास की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न खड़े करते हैं। कांग्रेस जहां इसे भ्रष्टाचार का मामला बता रही है, वहीं नगर प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा कांकेर की राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकता है।
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