
पेंड्रा :- छत्तीसगढ़ के पेंड्रा क्षेत्र में दंतैल (नर) हाथी का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते दो दिनों के भीतर दो ग्रामीणों की मौत की खबर सामने आई है। ताजा घटना कटघोरा और मरवाही वनमंडल की सीमा से लगे पोखरी डांड़ और कुम्हारी सानी गांव की है, जहां गुरुवार सुबह हाथी ने एक ग्रामीण को कुचल दिया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
आक्रामक हुआ अकेला हाथी
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह अकेला दंतैल हाथी है, जो अत्यधिक आक्रामक व्यवहार कर रहा है। बीते दिन मरवाही क्षेत्र में इसी हाथी ने एक अधेड़ ग्रामीण को भी मौत के घाट उतार दिया था। ऐसे एकल हाथी अकसर झुंड से अलग हो जाने पर मानव बस्तियों की ओर बढ़ जाते हैं और आक्रामक हो जाते हैं, जिससे इस प्रकार की दुखद घटनाएं घटती हैं।
वन विभाग की अपील: जंगल की ओर न जाएं ग्रामीण
वन विभाग द्वारा क्षेत्र में मुनादी कर लोगों को जंगल की ओर न जाने की अपील की जा रही है। साथ ही, लगातार हाथी की मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है, ताकि ग्रामीणों को समय रहते सतर्क किया जा सके।
इलाके में दहशत, ग्रामीणों की सुरक्षा पर उठे सवाल
पोखरी डांड़ और कुम्हारी सानी गांव में हाथी की आमद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। लोगों ने वन विभाग और प्रशासन से हाथी को पकड़ने या दूर करने की कार्रवाई तेज करने की मांग की है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं, लेकिन स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। पेंड्रा और आसपास के वन क्षेत्रों में मानव-हाथी संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। वन विभाग को चाहिए कि वह इस तरह के आक्रामक हाथियों को चिन्हित कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजे। वहीं प्रशासन को भी चाहिए कि प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवजा और सहायता उपलब्ध कराई जाए और क्षेत्रीय स्तर पर मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाई जाए।
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