
भानुप्रतापपुर:- भानुप्रतापपुर और आसपास के बाजारों में बीते कुछ समय से खुदरा(चिल्लर)सिक्कों की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। इस समस्या से स्थानीय व्यापारी, छोटे दुकानदार, होटल व्यवसायी और आम उपभोक्ता सभी परेशान हैं। लेन-देन में हो रही असुविधा के कारण रोजमर्रा के व्यापार पर सीधा असर पड़ रहा है। स्थानीय होटल व्यवसायी ने बताया कि क्षेत्र की सबसे बड़ी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा लंबे समय से चिल्लर नहीं दी जा रही है। बैंक अधिकारियों का केवल यही जवाब है कि “चिल्लर नहीं आ रहा है”, जिससे व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। क्षेत्र के व्यापारी अपने निजी स्तर पर बाजार और अन्य स्रोतों से चिल्लर की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं, परंतु यह प्रयास जरूरत के सामने नाकाफी साबित हो रहे हैं।
हालांकि भानुप्रतापपुर क्षेत्र में लगभग 50 प्रतिशत उपभोक्ता और 80 प्रतिशत व्यापारी डिजिटल भुगतान माध्यमों (UPI, QR Code, Online Payment) का उपयोग करते हैं, फिर भी रोजमर्रा के छोटे-छोटे लेन-देन के लिए नकद की आवश्यकता पड़ती है। चाय दुकानों, सब्जी बाजार, ठेले और छोटी दुकानों में डिजिटल पेमेंट के विकल्प सीमित होने से चिल्लर की कमी गंभीर समस्या बन गई है।
भानुप्रतापपुर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान की पहुंच सीमित है, जहां चिल्लर की अनुपलब्धता के कारण दुकानदार और ग्राहक दोनों को बार-बार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्राहक अक्सर बड़े नोट लेकर आते हैं, जिनके बदले दुकानदारों के पास छुट्टे पैसे नहीं होते।
स्थानीय व्यापारियों ने बैंक प्रबंधन से जल्द समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते चिल्लर की आपूर्ति सुचारू नहीं की गई तो यह समस्या बाजार की गतिविधियों को प्रभावित कर सकती है।
भानुप्रतापपुर में चिल्लर की कमी पर व्यापारियों और उपभोक्ताओं की राहत के लिए अब बैंक प्रबंधन को तत्परता दिखानी होगी, वरना यह समस्या स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी असर डाल सकती है।
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