हजारों की संख्या में प्रतिनिधियों की जुटने की संभावना
रायपुर:-राजधानी रायपुर में आज सामाजिक न्याय की आवाज बुलंद होने जा रही है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के संवैधानिक अधिकारों की बहाली और संरक्षण की मांग को लेकर आज तूता धरना स्थल, नवा रायपुर पर राज्यव्यापी विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। हजारों की संख्या में अधिकारी, कर्मचारी, समाजिक संगठन एवं नागरिक प्रतिनिधि इस आंदोलन में भाग लेंगे। इस आंदोलन का आह्वान छत्तीसगढ़ राज्य आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रस्ताव और राज्य के अजा-जजा समाज प्रमुखों की सर्वसम्मति से आयोजित आमसभा के निर्णय के अनुसार किया गया है। इसमें अजाक्स, अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग संघ, तथा सोशल जस्टिस एंड लीगल फाउंडेशन सहित दर्जनों सामाजिक व कर्मचारी संगठनों की सहभागिता है।
प्रदर्शन की प्रमुख मांगें
इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से राज्य सरकार से न्यायपूर्ण और संवैधानिक दायरे में 10 प्रमुख मांगों को शीघ्र लागू करने की अपील की जाएगी:
-
पदोन्नति में आरक्षण के नियम-5 को पुनः अधिसूचित कर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेशों (1 मई 2023 व 24 फरवरी 2025) के अनुसार लागू किया जाए।
-
बैकलॉग पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान शीघ्र प्रारंभ हो।
-
आरक्षण का निर्धारण जनसंख्या के आधार पर किया जाए तथा स्थानीय/जिला स्तर पर इसके लिए पृथक अधिनियम बनाया जाए।
-
छात्रवृत्ति हेतु वर्तमान ₹2.5 लाख की आय सीमा को समाप्त किया जाए।
-
फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों पर सख्त कार्यवाही कर सेवाएं समाप्त की जाएं।
-
जाति प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को सरलीकृत एवं पारदर्शी बनाया जाए।
-
अनुसूचित जाति-जनजाति उपयोजना की निधियों के उपयोग पर विशेष बजट अधिनियम लागू किया जाए।
-
छत्तीसगढ़ आरक्षण अधिनियम 1994 के प्रावधानों का पूर्णत: पालन सुनिश्चित किया जाए।
-
5वीं अनुसूची क्षेत्रों में पेसा कानून का प्रभावी क्रियान्वयन हो।
-
भूमि अंतरण प्रतिबंध से संबंधित 17 अगस्त 2016 का परिपत्र तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।
किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि संविधान के पक्ष में है
आंदोलन से जुड़े फेडरेशन पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह प्रदर्शन राजनीति से ऊपर, संवैधानिक मूल्यों और न्याय के सिद्धांतों के समर्थन में आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि आरक्षित वर्गों को लगातार संविधान प्रदत्त अधिकारों से वंचित करने के प्रयास हो रहे हैं, जिसे अब समाज चुपचाप सहन नहीं करेगा।
उन्होंने प्रदेश के सभी जागरूक नागरिकों, अधिकारी-कर्मचारियों और युवाओं से अपील की है कि वे इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनें और लोकतांत्रिक तरीके से अपने हक की आवाज बुलंद करें।
Live Cricket Info