
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीजी बोर्ड) की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम आज मुख्यमंत्री के द्वारा घोषित किए गए। इस ऐतिहासिक दिन ने कांकेर जिले को दो-दो नायाब रत्नों के रूप में गौरव का अवसर दिया – एक ओर कोदागांव के अखिल सेन, जिन्होंने 12वीं बोर्ड में 98.20% अंकों के साथ टॉप-10 में अपनी जगह बनाई, और दूसरी ओर पखांजूर की इशिका बाला, जिन्होंने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ते हुए 99.17% अंक प्राप्त कर प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
अखिल सेन: कोदागांव का होनहार सितारा
कांकेर जिले के कोदागांव गाँव के रहने वाले अखिल सेन ने 12वीं की परीक्षा में वाणिज्य संकाय से 98.20 प्रतिशत अंक अर्जित कर राज्य की टॉप-10 सूची में अपनी जगह सुनिश्चित की। मुख्यमंत्री द्वारा परिणाम की घोषणा के साथ ही गाँव में खुशी की लहर दौड़ गई। अखिल के घर पर बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया। ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों के साथ इस गौरवपूर्ण क्षण का जश्न मनाया। अखिल ने बताया कि वह अब चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) बनने का सपना देख रहे हैं और इसके लिए वे जल्द ही तैयारी शुरू करेंगे। सीमित संसाधनों में रहकर भी अखिल की यह सफलता यह सिद्ध करती है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी ऊँचाई को छुआ जा सकता है।
इशिका बाला: कैंसर से जंग के बीच पढ़ाई में अव्वल, बनी प्रदेश की टॉपर
सीजी बोर्ड की 10वीं परीक्षा में कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, गोंडाहुर की छात्रा इशिका बाला ने 99.17% अंक अर्जित कर राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया है। लेकिन उनकी कहानी को विशेष बनाता है उनका संघर्ष — इशिका पिछले दो वर्षों से ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं।
बीमारी के कारण इशिका पिछले शैक्षणिक सत्र में वार्षिक परीक्षा नहीं दे सकीं, जिससे वे काफी मायूस हो गई थीं। लेकिन इस वर्ष उन्होंने न केवल परीक्षा दी, बल्कि पूरे राज्य में टॉप कर यह साबित कर दिया कि हौसलों के सामने कोई भी कठिनाई बड़ी नहीं होती।
इशिका के पिता शंकर बाला, जो कि पेशे से किसान हैं, ने बेटी की इस उपलब्धि पर भावुक होते हुए कहा, “हमारे लिए यह गर्व और आशा का क्षण है। हमारी बेटी की हिम्मत और मेहनत ने हमारी उम्मीदों को नया जीवन दिया है।”
जिले की दो प्रतिभाएं बनीं प्रेरणा की मिसाल
कांकेर जिले के लिए यह दिन गर्व और प्रेरणा से भरा हुआ रहा। एक ओर अखिल सेन ने शैक्षणिक मेहनत से टॉप-10 में जगह बनाई, वहीं दूसरी ओर इशिका बाला ने बीमारी के बावजूद अपने सपनों को साकार कर दिखाया। जिला प्रशासन ने दोनों विद्यार्थियों को सम्मानित करने की घोषणा की है। इन दोनों विद्यार्थियों की सफलता यह संदेश देती है कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर संकल्प मजबूत हो तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं
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