चिहरों नदी में अवैध उत्खनन पर शिवसेना का हमला, कांग्रेस-भाजपा पर साठगांठ का आरोप

दुर्गुकोंदल, कांकेर
दुर्गुकोंदल ब्लॉक के चिहरों गांव में चल रहे रेत के अवैध उत्खनन और तस्करी को लेकर शिवसेना नेता सुखचंद मंडावी ने बड़ा बयान जारी करते हुए कांग्रेस और भाजपा नेताओं पर मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया है। मंडावी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि चिहरों नदी से चैन माउंटेन मशीनों और हाईवा ट्रकों की मदद से खुलेआम रेत की तस्करी की जा रही है, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के स्थानीय नेता शामिल हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर उठाए सवाल
शिवसेना नेता ने प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि इतने बड़े स्तर पर रेत का अवैध खनन और परिवहन प्रशासन की मौन स्वीकृति के बिना संभव नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि “शासन-प्रशासन की नाक के नीचे यह पूरा कारोबार चल रहा है और आम जनता की आँखों में धूल झोंकी जा रही है।”
रेत दुर्ग-भिलाई तक भेजी जा रही
प्रेस बयान में मंडावी ने यह भी खुलासा किया कि चिहरों नदी से निकाली गई रेत हाईवा ट्रकों के ज़रिए सीधे दुर्ग और भिलाई जैसे बड़े शहरी इलाकों तक भेजी जा रही है, जिससे सरकार को राजस्व की भारी क्षति हो रही है और स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों का शोषण हो रहा है।
शिवसेना का अल्टीमेटम: कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदर्शन
मंडावी ने साफ चेतावनी दी कि यदि स्थानीय प्रशासन और खनिज विभाग शीघ्र कार्रवाई नहीं करते, तो शिवसेना द्वारा ब्लॉक स्तर पर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा:
“अगर जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे रहेंगे, तो आने वाले दिनों में शिवसेना सड़क पर उतरेगी और इसका पूरा ज़िम्मा प्रशासनिक अमले पर होगा।”
विरोध की लहर तेज होने की आशंका
क्षेत्र में इस मुद्दे पर पहले से ही जनता में असंतोष है, और शिवसेना के इस तेवर के बाद राजनीतिक माहौल गरमाने के पूरे आसार हैं।
यह मामला न केवल प्राकृतिक संसाधनों की लूट का प्रतीक बन रहा है, बल्कि यह भी दिखा रहा है कि स्थानीय सत्ता किस हद तक व्यापारिक लाभ के लिए नैतिकता को ताक पर रख सकती है।
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