जांच प्रक्रिया पर उठे सवाल
धमतरी :- कृषि विभाग ने जिले में पहली बार रासायनिक खाद की कालाबाजारी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ट्रक से 500 बैग यूरिया और 10 बैग डीएपी खाद जब्त किया है। यह कार्रवाई बिरनासिल्ली चेकपोस्ट पर की गई, जहां ट्रक को रोककर चालक से दस्तावेज मांगे गए। लेकिन चालक कोई वैध कागज पेश नहीं कर सका, जिसके बाद पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लेकर निगरानी में रख लिया है।
हालांकि यह कार्रवाई 48 घंटे पहले की गई थी, लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हो सकी है। कृषि विभाग की निष्क्रियता और विलंब को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह कार्रवाई सिर्फ दिखावटी कदम थी? सूत्रों का कहना है कि ट्रक में लदा खाद कथित रूप से बिना रसीद के दूसरे जिले में अवैध बिक्री के लिए ले जाया जा रहा था, लेकिन विभाग ने अभी तक न तो एफआईआर दर्ज की है और न ही दोषियों की पहचान उजागर की है।
मीडिया में मामला सामने आने के बाद कलेक्टर अभिनाश मिश्रा ने संज्ञान लेते हुए राजस्व एवं कृषि विभाग की संयुक्त टीम गठित कर जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कार्रवाई निष्पक्ष और समयबद्ध होनी चाहिए।
कृषि उपसंचालक ने बताया कि यदि दस्तावेजों में गड़बड़ी की पुष्टि होती है, तो खाद को राजसात करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग खाद की उपलब्धता और वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए गंभीर है।
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या कृषि विभाग और प्रशासन इस मामले में दोषियों को सजा दिला पाएंगे, या यह मामला भी कागज़ों में दबकर “सेटिंग” की भेंट चढ़ जाएगा।
यह मामला सिर्फ एक ट्रक या 500 बैग खाद का नहीं है, यह सवाल है प्रशासनिक जवाबदेही और किसानों के हक का। यदि इस केस में सख्ती नहीं बरती गई, तो आने वाले समय में खाद की कालाबाजारी एक सुनियोजित व्यापार बन सकती है।
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