
सुकमा:-सुकमा जिले में एक बार फिर एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) और EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) की संयुक्त टीमों ने तेंदूपत्ता बोनस घोटाले को लेकर बड़ा कदम उठाया है। जिले के कई प्रबंधकों और सीपीआई के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के आवासों पर एक साथ छापेमारी की गई है।
जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरित की जाने वाली करीब 6 करोड़ रुपये की बोनस राशि में कथित अनियमितताओं के मद्देनजर की गई है। आदिवासी ग्रामीणों को दी जाने वाली इस राशि के गबन के आरोपों को लेकर सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने स्वयं कई बार प्रशासन को जांच के लिए आवेदन दिया था। इसी क्रम में सुकमा डीएफओ अशोक पटेल को निलंबित कर पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। अब इस मामले में और गहराई से जांच की जा रही है।
छापेमारी जिनके घरों पर हुई:
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मनीष कुंजाम (पूर्व विधायक, सीपीआई नेता)
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शरीफ खान (कोंटा प्रबंधक)
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वेंकट रवाना (पलचलमा प्रबंधक)
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राजेशेखर पुराणिक (फूलबगड़ी प्रबंधक)
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रवि गुप्ता (जगरगुंडा प्रबंधक)
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राजेश आयतु (मिशिगुडा प्रबंधक)
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महेंद्र सिंह (एर्राबोर प्रबंधक)
इस छापेमारी को लेकर राजनीतिक हलकों में भी घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस और सीपीआई नेताओं का आरोप है कि यह कार्रवाई भाजपा सरकार की बदले की राजनीति है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनवा में सीपीआई द्वारा भाजपा को समर्थन न देने के कारण यह दबाव की राजनीति की जा रही है।
हालांकि, प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि तेंदूपत्ता बोनस मामले ने अब राजनीतिक रंग भी ले लिया है। आने वाले दिनों में इस पूरे मामले में और भी बड़े खुलासे संभव हैं।
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