
बिलासपुर:–आजाद हिंद एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे एक यात्री की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। मृतक की पहचान नारायण लेट के रूप में हुई है, जो पुणे से मालदा की ओर जा रहा था। बताया जा रहा है कि नारायण मजदूरी का काम करता था और काम के सिलसिले में ही पुणे से अपने गृह क्षेत्र लौट रहा था।
हादसे के वक्त नारायण ट्रेन में ही था, जब उसकी तबीयत बिगड़ी और उसने वहीं दम तोड़ दिया। ट्रेन जब बिलासपुर स्टेशन पहुँची, तो उसका शव उतार कर प्लेटफॉर्म पर रख दिया गया। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि रेलवे प्रशासन की ओर से कोई त्वरित कदम नहीं उठाया गया। शव लगभग दो घंटे तक प्लेटफॉर्म पर यूँ ही पड़ा रहा।
इस दौरान न तो कोई मेडिकल टीम पहुँची और न ही रेलवे पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई की गई। यात्रियों और स्थानीय लोगों ने रेलवे की इस संवेदनहीनता पर सवाल उठाए हैं। कई प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि समय रहते उचित मेडिकल सुविधा मिलती, तो शायद नारायण की जान बचाई जा सकती थी।
रेल प्रशासन की इस लापरवाही ने न केवल एक गरीब मजदूर की मौत को लेकर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि आम यात्रियों की सुरक्षा और आपात स्थितियों के प्रति सिस्टम कितना असंवेदनशील है।
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