कांकेर: जिले में जुआ, सट्टा और अवैध सूखे नशे के कारोबार को लेकर पुलिस और सरकार द्वारा भले ही “डबल इंजन” के सुशासन के दावे किए जा रहे हों, लेकिन ज़मीनी हकीकत इन दावों को पूरी तरह झुठलाती दिख रही है। नगर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में अवैध गतिविधियों का ऐसा जाल बिछा हुआ है जो अब न केवल खुलेआम फल-फूल रहा है, बल्कि इन कारोबारों से जुड़े असामाजिक तत्व खौफ फैलाने और वर्चस्व जमाने के लिए हिंसा पर उतर आए हैं।
मंगलवार देर रात संजयनगर वार्ड में नकाबपोश युवकों ने एक युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपियों ने इस घटना का वीडियो खुद बनाकर वायरल कर दिया, जिसमें पीड़ित युवक बार-बार रहम की भीख मांगता नजर आ रहा है, जबकि हमलावर ‘उसके साथ मारपीट करते हुए ये कहते वीडियों में सुनाई दे रहे है की चाकू दिखाता है, खुद को क्या शहर का बाप समझाता है इन शब्दों का इस्तेमाल कर वीडियों बनाने की बाते कही जा रही है और लोग आम घटना को देख चुपचाप वहां से निकलने में भलाई समझ रहे है। इस पूरे घटनाक्रम में मजेदार बात यह भी संजयनगर सुशासन वाले वाले पार्षद है और यह घटना एक पूर्व पार्षद के घर के सामने अंजाम दिए जाने की बात सामने आई है, जो पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवालिया निशान है।
सिर्फ 24 घंटे पहले ही एक सट्टा का पहला वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ युवक मोबाइल में सट्टा नंबर दर्ज करते नजर आए और वीडियों होने की बात पर उनके बीच भी नगर के मुक्तिधाम में जमकर हाथापाई होने बात सामने आई थी । Page16 ने चेताया था कि कांकेर नगर में सट्टा का खेल अब असामाजिक गिरोहों के वर्चस्व संघर्ष में तब्दील हो रहा है और अब यह स्पष्ट रूप से हिंसा में बदल चुका है।
चुनाव से पहले विष्णुदेव साय ने कहा था कि “अपराधियों को उल्टा लटकाकर सीधा करेंगे”, लेकिन हकीकत यह है कि आज कांकेर की गलियों में अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं, और कानून व्यवस्था मूकदर्शक बनी हुई है। सट्टा कारोबार और नशे की लत अब न केवल युवाओं को गुमराह कर रही है, बल्कि समाज में भय, अराजकता और हिंसा का जहर घोल रही है।
अगर प्रशासन ने समय रहते कड़ा और निष्पक्ष एक्शन नहीं लिया, तो कांकेर की पहचान जल्द ही “अपराध मुक्त जिला” से बदलकर “अपराध-ग्रस्त क्षेत्र” बन जाएगी और इसके जिम्मेदार होंगे वे लोग जिन्होंने सत्ताधारी होकर भी आंखें मूंद लीं।
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