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कर्रेगुट्टा ऑपरेशन में माओवादी मोर्चा ध्वस्त"
कर्रेगुट्टा ऑपरेशन में माओवादी मोर्चा ध्वस्त"

बीजापुर के जंगलों में लहराया भारतीय सुरक्षा बलों का परचम, कर्रेगुट्टा ऑपरेशन में माओवादी मोर्चा ध्वस्त

कर्रेगुट्टा ऑपरेशन में माओवादी मोर्चा ध्वस्त"
कर्रेगुट्टा ऑपरेशन में माओवादी मोर्चा ध्वस्त”

जहां एक ओर पाकिस्तान की ओर से किसी भी आतंकी हरकत का भारत ने सीमाओं पर कड़ा जवाब दिया है, वहीं देश के भीतर आंतरिक सुरक्षा के सबसे बड़े संकट नक्सलवाद पर भी भारतीय सुरक्षा बलों ने बीजापुर के कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में अभूतपूर्व कार्रवाई कर अपनी रणनीतिक और सैन्य क्षमता का परिचय दिया है।

कर्रेगुट्टा ऑपरेशन: बीजापुर में बड़ा मोर्चा फतह

बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा की दुर्गम पहाड़ियों में, जहां माओवादी लंबे समय से ठिकाना बनाए हुए थे, सुरक्षा बलों ने अब वहाँ कब्जा बना लिया है। पिछले कुछ दिनों से चल रही मुठभेड़ में अब तक 22 से अधिक माओवादियों को मार गिराए जाने की सूचना है। यह मुठभेड़ एक ऐतिहासिक ऑपरेशन का हिस्सा है, जिसकी रणनीति दिल्ली स्तर पर बनाई गई है।

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सुपरविजन और रणनीतिक निगरानी

इस पूरे ऑपरेशन की सीधी निगरानी सीआरपीएफ के डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह कर रहे हैं, जबकि छत्तीसगढ़ के एडीजी (नक्सल ऑपरेशन) विवेकानंद सिन्हा, सीआरपीएफ आईजी राकेश अग्रवाल और बस्तर आईजी पी. सुंदरराज लगातार ज़मीनी स्तर पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इस ऑपरेशन में डीआरजी, कोबरा, एसटीएफ और सीआरपीएफ की टीमें गहराई तक घुसकर नक्सलियों के गढ़ में कार्रवाई कर रही हैं। जंगलों में गूंजते हथियारों के बीच, सुरक्षा बल एक-एक कर नक्सल कैम्पों को ध्वस्त कर रहे हैं।

अब तक की स्थिति और आगे की रणनीति

  • सूत्रों के अनुसार, साम तक ऑपरेशन की अंतिम सफलता की आधिकारिक पुष्टि हो सकती है।

  • मारे गए माओवादियों की संख्या और उनकी पहचान को लेकर फील्ड वेरिफिकेशन जारी है।

  • बरामद हथियारों और दस्तावेज़ों की स्कैनिंग के बाद संगठन की आंतरिक स्थिति पर अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है।

अधिकारिक पुष्टि का इंतज़ार

हालांकि अब तक इस बड़े ऑपरेशन में मुठभेड़ के सफल नतीजों पर किसी भी स्तर पर अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन जिस तरह से जवान पहाड़ियों पर नियंत्रण स्थापित कर चुके हैं, वह इस बात का संकेत है कि यह अभियान माओवादी नेटवर्क के लिए एक भारी झटका साबित होगा।

निर्णायक मोड़ की ओर

बीजापुर का यह ऑपरेशन न केवल बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि पूरे देश को यह संदेश देगा कि भारत अब आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर भी उतना ही सजग और प्रभावशाली है जितना सीमाओं पर। आने वाले समय में अगर यह अभियान पूरी तरह सफल होता है, तो यह माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा मनोवैज्ञानिक और सामरिक झटका होगा।


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About Prakash Thakur

प्रकाश ठाकुर, पेज 16 न्यूज़ के मुख्य संपादक हैं। एवं वर्षों से निष्पक्ष, सत्य और जनहितकारी पत्रकारिता के लिए समर्पित एक अनुभवी व जिम्मेदार पत्रकार के रूप में कार्यरत हूँ।

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