
कांकेर:- कांकेर जिले की एक 19 वर्षीय आदिवासी युवती ने न्याय की गुहार लगाते हुए कांकेर थाना पहुँचकर एक सनसनीखेज शिकायत दर्ज कराई है। युवती का आरोप है कि उसे न केवल झूठे चोरी के मामले में फंसाया गया, बल्कि उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर उसकी पहचान से जुड़े अहम दस्तावेज भी जबरदस्ती छीन लिए गए।
पीड़िता इच्छापुर की निवासी है और पिछले एक वर्ष से कांकेर शहर के सुमीत बाजार के पास स्थित अरिहंत फैशन हाउस में कार्यरत थी। युवती के अनुसार, 1-2 मई 2025 के बीच दुकान के मालिक वीरचंद्र पारख ने उस पर ₹1.5 लाख की चोरी का आरोप लगाते हुए उसे दुकान में जबरदस्ती बंद कर मानसिक दबाव में स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर कराए।
पीड़िता का कहना है कि उसके किराए के मकान (जवाहर वार्ड) में पहुँचकर उसके शैक्षणिक प्रमाणपत्र, बैंक पासबुक, जाति और निवास प्रमाण पत्र सहित निजी सामान भी जब्त कर लिए गए। सबसे चिंताजनक बात यह है कि पीड़िता का आरोप है कि उसे डराने के लिए आपत्तिजनक वीडियो भी दिखाए गए और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
“मैं एक आदिवासी समाज की लड़की हूँ। इस आधार पर मुझ पर संदेह किया गया और मुझे बदनाम किया गया। मेरे कपड़े और दस्तावेज तक जब्त कर लिए गए,” — पीड़िता
इस पूरे प्रकरण पर जिला पंचायत सदस्या मृदुला भास्कर ने गहरी चिंता जताते हुए कहा, “इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी युवती पर झूठा आरोप लगाकर उसका शोषण करता है, तो यह कानून और मानवता दोनों के खिलाफ है।”
कांकेर पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर FIR दर्ज करते हुए आरोपी वीरचंद्र पारख के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
यह मामला केवल एक युवती की व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि सामाजिक भेदभाव, लैंगिक असमानता और आदिवासी वर्ग के प्रति पूर्वग्रह की भयावह तस्वीर पेश करता है। यदि ऐसे मामलों को नजरअंदाज किया गया, तो यह न केवल न्याय की हार होगी, बल्कि संविधानिक मूल्यों की भी अवहेलना होगी।
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