कांकेर चारामा ब्लॉक के ग्राम गोटीटोला में वर्षों से कास्त की जा रही कृषि भूमि को लेकर उपजा विवाद अब पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले चुका है। दो कृषक परिवारों द्वारा लगाए गए भूमि अतिक्रमण के गंभीर आरोपों के बाद, मामले में पूर्व सांसद मोहन मंडावी की चुप्पी टूट गई है। उन्होंने एक प्रेसवार्ता कर अपने ऊपर लगे आरोपों को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया।
ग्राम गोटीटोला के कृषक कीर्तन कुमार और रूद्रप्रकाश ने जिला कलेक्टर से शिकायत कर आरोप लगाया कि उनके नाम दर्ज खसरा नंबर 143/1 और 143/2 की कुल 2.60 हेक्टेयर भूमि पर जबरन कब्जा कर बोआई कर दी गई। शिकायत में पूर्व सांसद के परिजनों पर सीधा आरोप लगाया गया और थाना चारामा में दी गई FIR के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई।
53 साल से है कास्त, अब हो रही साजिश”
प्रेसवार्ता में मोहन मंडावी ने स्पष्ट किया कि:
“उक्त भूमि को सन् 1972 में मेरे पिता ने 12,000 हजार रु. में चोपड़ा परिवार से खरीदा था। रजिस्ट्री व नामांतरण का कार्य विक्रेताओं के आपसी विवाद के कारण लंबित रह गया।विक्रेता के मृत्यु के पश्चात विक्रेता परिवार के कुछ सदस्यों ने भूमि किसी और को बेच दी, जिससे विवाद की स्थिति बनी।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनके पिता,और परिजन पिछले 5 दशक से भूमि पर कास्तकारी कर रहे हैं। ऐसे में आरोप न केवल निराधार हैं, बल्कि उनके खिलाफ एक सुनियोजित राजनीतिक अभियान चलाया जा रहा है।
जातीय मंच का दुरुपयोग
पूर्व सांसद ने स्प्ष्ट किया की सर्व पिछड़ा वर्ग समाज से उनके बहुत अच्छे और आत्मीय संबध है लेकिन कुछ लोग इस मंच के नाम बेजा उपयोग कर उन्हें जातीय रूप से घेरने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा:
“मेरी राजनैतिक छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए यह सब किया जा रहा है। मैं इन आरोपों से डरने वाला नहीं हूं। अब इन बेबुनियाद आरोपों का जवाब कानून के दायरे में रहकर दूंगा।”
पहले भी हो चुकी है कोशिश
मोहन मंडावी पहले भी विवादों से दो-चार हो चुके हैं। शहीद स्मारक स्थापना के समय हुए विरोध प्रदर्शन में भी उन पर आरोप लगे थे, जिन्हें उन्होंने तत्कालीन प्रेसवार्ता में खारिज करते हुए उसे राजनीति प्रेरित हमला बताया था। जिसके बाद आरोप लगाने वाले गायब हो गए थे अब फिर से अवैध जमीन कब्जा से उनका जोड़ना कई बातों को दर्शाता है
अब इस पूरे विवाद में नज़रें प्रशासन और पुलिस पर टिकी हैं। पीड़ित पक्ष FIR पर कार्यवाही की मांग कर रहा है, वहीं मंडावी कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। सवाल यह भी उठता है कि क्या यह मामला भूमि विवाद तक सीमित है या फिर इसके पीछे बड़ी सियासी पटकथा लिखी जा रही है?
Live Cricket Info