
बीजापुर/सुकमा:- 23 मई 2025बस्तर अंचल में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे बड़े अभियान को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा से लगे जंगलों में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने दो वर्दीधारी हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया, जबकि इस कार्रवाई में कोबरा 210 बटालियन का एक जवान शहीद हो गया। दोनों मुठभेड़ें 22 मई को हुईं।
तुमरेल मुठभेड़: PLGA बटालियन का सदस्य मारा गया
बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि थाना उसूर क्षेत्र के तुमरेल जंगल में DRG, STF, कोबरा 210 और 208 बटालियनों की संयुक्त टीम पर नक्सलियों ने फायरिंग की, जिसके जवाब में हुई मुठभेड़ में एक हार्डकोर नक्सली ढेर हो गया।
मृत नक्सली की पहचान संदेश उर्फ सन्नू के रूप में हुई है, जो PLGA बटालियन नंबर-1 का सक्रिय सदस्य और साउथ बस्तर डिवीजन कमेटी का एरिया कमेटी मेंबर था।
मुठभेड़ स्थल से 12 बोर की बंदूक, SLR मैगजीन, जिंदा राउंड, हैंड ग्रेनेड, रेडियो सेट, नक्सली वर्दी, पर्चे और साहित्य सहित भारी मात्रा में सामग्री बरामद की गई।
शहीद कोबरा जवान को अंतिम विदाई
मुठभेड़ में कोबरा 210 का जवान सोलंकी मेहुलभाई वीरगति को प्राप्त हुआ। उनका अंतिम संस्कार गुजरात के भावनगर जिले में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। जवान को माना, रायपुर में “गार्ड ऑफ ऑनर” भी दिया गया।
पेसलपाड़ मुठभेड़: साउथ सब ज़ोनल ब्यूरो का डिप्टी कमांडर ढेर
इसी दिन शाम 6 बजे सुकमा जिले के थाना किस्टाराम अंतर्गत पेसलपाड़ क्षेत्र में DRG, STF और CRPF की संयुक्त टीम पर नक्सलियों ने हमला किया। मुठभेड़ में एक अन्य हार्डकोर नक्सली मारा गया।
मारे गए नक्सली की पहचान माड़वी माड़ा के रूप में हुई है, जो एरिया कमेटी मेंबर और साउथ सब ज़ोनल ब्यूरो के डिप्टी कमांडर थे।
मौके से 9mm पिस्टल, BGL लॉन्चर, BGL सेल, इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, वायरलेस सेट, कारतूस समेत नक्सल संबंधी सामग्री बरामद की गई।
आईजी बस्तर की चेतावनी
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पाटलिंगम ने हाल की कार्रवाई को “ऐतिहासिक सफलता” बताया। उन्होंने कहा कि अबूझमाड़ में 21 मई को हुए ऑपरेशन में मारे गए शीर्ष नक्सली कमांडर बावाराजू उर्फ बी.आर. दादा की मौत के बाद माओवादी संगठन बिखर रहा है।
उन्होंने माओवादी संगठन के सदस्यों को चेतावनी देते हुए कहा:
“हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटें, नहीं तो उनका अंत भी उनके शीर्ष नेताओं जैसा ही होगा।”
लगातार मुठभेड़ों और सटीक खुफिया इनपुट्स की बदौलत सुरक्षा बलों को बस्तर के अंदरूनी इलाकों में बड़ी सफलता मिल रही है। एक ओर जहां माओवादी नेटवर्क कमजोर हो रहा है, वहीं जवानों की शहादत यह दिखाती है कि यह लड़ाई अब भी चुनौतीपूर्ण है।
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