कांकेर:- क्या आपके बच्चे नगर के किसी सरकारी स्कुल में पढ़ते…क्या आप उनके स्वाभाव में अचानक बदलवा उतेजना या अजीब व्यवहार देख रहे है तो उन तमाम माँ पिता के लिए सावधान होने के साथ चिंताजनक और आश्चर्यचकित करने वाली ये खबर है क्योकि नगर के कुछ सरकारी स्कूल में बच्चों को सूखे नशा परोसने का काम संगठित तरीके से नगर में होने लगा है।
नगर के संजयनगर वार्ड में हुए मारपीट और वीडियों बना वायरल किये घटना ने इस बात पे मुहर लगा गई है कि जो घटना बीती दरमियानी रात को घटी थी वो सूखे नशे को लेकर हुआ था जिसमें एक युवक की बेदम पिटाई किया गया जिसे उसके परिजनों घायल हालत में पहले थाना पहुचाये फिर जिला मेडिकल कालेज में भर्ती किया कराया गया साथ ही इस घटना से जुड़े कुछ युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार इस घटना को आपसी रंजिश का मामला बता कार्यवाही भी की गई है।
सरकारी स्कुल में सूखे नशा कारोबार पर खबर page16 की खोजबीन और जानकारों से मिली रही जानकारी मुबातिक इस बात जानकारी मिलती है जिस युवक को बीते रात को बेदम तरीके से पीटा गया वह युवक सट्टे और सुखा नशे के कारोबार से जुडा हुआ है जो बाहर से नशीली दवाइयां लाकर नगर सहित आसपास गाँवों बेचने का काम किया करता था जिसकों लेकर दुसरे गुट को युवकों नगंवार गुजरी और उन्होंने मिलकर युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी।
अब इस घटना से ये सवाल उठना लाजमी है की सूखे नशे का कारोंबार आखिरकार कौन स्कूली को परोस रहा है तो सूत्र बताते देते है कि संस्था में पदस्थ एक कर्मचारी इस कारोबार से जुडा हुआ है जो झारखंड से नशीली दवाइयां मंगवाकर इन युवकों सहित स्कूली बच्चों को भी बेचने का काम किया करता है आलम तो ये है कि इन नशीली दवाइयों का इस्तेमाल कर स्कूली बच्चे क्लास भी अटेंड करते है और इसका मुख्य अड्डा संजय नगर वार्ड बना हुआ है जहाँ बहुत आसानी इन नशीली दवाइयों के खाली बोतल और रेपर कूड़े कचरे में आसानी दे देखने को मिल सकते है।
नशीली दवाइयों के इस्तेमाल और सेवन कर मारपीट की यह कोई पहली घटना नहीं है जब शहर की गलियों में खौफ पैदा हो रहा है इसके पहले भी मस्जिद चौक में खूनी जानलेवा हमला हो चुका है इसके बाद पुलिस ने भी इस कारोबार से जुड़े कई लोगों पर कानूनी कार्यवाही की लेकिन अब फिर से नशीली दवाइयों का जहरीला सांप अपना फन उठने लगा और गलियों में खौफ पैदा होने लगा है।
क्या है ये नशीली दवाइयां
युवाओं में तेजी फ़ैल रहा सूखे नशे के इस नए चलन में जिन दवाइयों को नशे के लिए बेचा जा रहा है उन दवाइयों के बारे इस कारोबार को करीबी से जानने वाले सूत्र अपनी पहचान व नाम छुपाने के शर्त पर खुलासा कर बताते है, कि नगर सहित आसपास गांवों में कोरेक्स, प्लेनोंकप,आरडीएक्स,फेन्सडील,नेट्रोटेन-10,स्पासमों,अल्फाजोअलम,प्लोंने किप, एक्स्कप जैसी नशीली दवाइयाँ चार गुनी कीमत में बेची जा रही है जो युवा में काफी डिमांड में है, इन नशीली दवाइयों का असर लभगग 72 घटों तक तक मनुष्य के शरीर में रहता है, जिससे उस व्यक्ति को कोई सही गलत का फर्क अहसास नहीं देता उनके शरीर में अजीब सी उतेजना रहती है जो स्वंय सहित दूसरों के लिए जानलेवा है।
इन नशीली दवाइयों का उपयोग में आने की बात की जाए वे ही जानकारी देते है कि नेट्रोटेन-10 मानसिक रोगियों को दिया जाता और स्पासमों नीला गभर्वती महिलाओं को लेबर रूम में प्रसव के समय दर्द सहने के लिए चिकित्सक के निगरानी में दिया जाता है लेकिन ये बहुत ही आसानी से अवैध ढंग बेची जा रही है और दवाइयों का उपयोग युवा वर्ग नशे के रूप में की जाने लगी है जिनसे उनका कभी लीवर,हार्ट,किडनी डेमेज होने की पूरी सम्भावना बनाई है।
कैसे चलता सूखे नशे का कारोबार
नगर में चल रहे सूखे नशे के कारोबार पर जानकार आगे इस बात का भी खुलासा करते है की पहले तो ये कारोबार नगर के मेडिकल स्टोर से बहुत ही आसानी से हो जाए करती थी लेकिन जैसे जैसे पुलिस की कार्यवाही शुरू हुई स्थानीय मेडिकल संचालकों ने ये दवाइयां देनी बंद कर दी लेकिन इस कारोबार से जुड़े लोग अन्य बड़े शहरों की ओर रुख किए और वहां से नशीली दवाइयां लानी शुरू लेकिन वहां भी कार्यवाहियां हुई तो इन लोगों झारखंड से दवाइयां मंगवानी शुरू कर क्योकि नगर के अधिकाँश मेडिकल संचालक मरीजों के लिए अर्जेंट में बसों से दवाइयां मंगवाने का काम करते है जिसका फायदा उठाकर इन लोगों भी ऑनलाइन रकम दे बस से मंगवाना शुरू कर दिया और बस चालक और सहचालक भी अतिरिक्त कमाई के लिए ये सेवा साथ देने लगे जिसमे दोनों की पहचान गोपनीय बनी हुई है। कांकेर को नशे की दलदल में धकेलने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई वक्त की मांग है। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो अगली पीढ़ी अंधकार में डूब जाएगी।
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