
बीजापुर:- जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर दहशत का खूनी खेल खेला है। बीती रात नक्सलियों ने कांग्रेस कार्यकर्ता नागा भंडारी की निर्दयता से हत्या कर दी। यह घटना उसूर थाना क्षेत्र के मारूडबाका गांव के लिंगापुर इलाके में घटी, जहां नक्सलियों ने धारदार हथियारों से हमला कर नागा भंडारी को मौत के घाट उतार दिया। गौरतलब है कि नागा भंडारी के बड़े भाई और कांग्रेस नेता तिरूपति भंडारी की भी कुछ वर्ष पूर्व नक्सलियों द्वारा हत्या की जा चुकी है। इस ताजा घटना ने न केवल भंडारी परिवार को बल्कि पूरे इलाके को एक बार फिर सन्न कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा बलों की एक टीम क़र्रेगुट्टा इलाके से सर्चिंग अभियान के बाद लौट रही थी। इसी बीच नक्सलियों ने स्थिति का फायदा उठाकर इस सुनियोजित हमले को अंजाम दिया। नागा भंडारी को उनके ही गांव के समीप रोक कर, निर्ममता से मार डाला गया। घटना के बाद से लिंगापुर और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल है। वहीं पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। बीजापुर पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों की तलाश के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं और सुरक्षा व्यवस्था को भी कड़ा कर दिया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, नक्सली अब सॉफ्ट टारगेट (असुरक्षित ग्रामीण नेता, राजनीतिक कार्यकर्ता) को निशाना बना रहे हैं ताकि क्षेत्र में डर और अस्थिरता का माहौल कायम किया जा सके। इससे पहले भी वे जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को निशाना बनाकर अपनी उपस्थिति का एहसास कराते रहे हैं। बीजापुर और बस्तर संभाग के अन्य हिस्सों में नक्सली हिंसा की घटनाएं हाल के महीनों में लगातार बढ़ी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी समय में लोकल इंटेलिजेंस और ग्राउंड ऑपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाना होगा, ताकि इस तरह की वारदातों पर अंकुश लगाया जा सके। नागा भंडारी की हत्या ने यह साबित कर दिया है कि नक्सली अभी भी आमजन को निशाना बनाकर आतंक का माहौल फैलाने की रणनीति पर कायम हैं। प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वह सुरक्षा और विश्वास का माहौल लौटाए, ताकि नक्सलवाद को जड़ से खत्म किया जा सके।
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