माँ और दादी के साहस ने बचाई मासूम की जान

कांकेर:- सरोना वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम दुधावा में बीती रात एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जब एक तेंदुए ने गांव के 5 वर्षीय विराज नेताम पर हमला कर उसे अपना शिकार बनाने की कोशिश की। हालांकि, बच्चे की माँ और दादी के साहस ने उसकी जान बचा ली। घटना शुक्रवार रात करीब 8 बजे की है, जब विराज नेताम अपनी मां होलिका नेताम, दादी और काकी सास के साथ गांव में आयोजित शादी समारोह से लौट रहा था। तभी अचानक अंधेरे से निकलकर तेंदुआ पीछे से आया और बच्चे पर हमला कर दिया। विराज के चीखने की आवाज सुनकर परिजन हड़बड़ा गए और जब उन्होंने तेंदुए को देखा तो शोर मचाकर और पत्थर फेंककर उसे भगाया। घटना के बाद घायल बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल कांकेर लाया गया, जहां फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। बच्चे के हाथ और पीठ पर पंजे के निशान और खरोंचें आई हैं, लेकिन समय रहते बचा लिए जाने के कारण उसकी जान बच गई।
क्षेत्र में तेंदुए की आमद चिंता का विषय
दुधावा क्षेत्र में यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी बच्चों और मवेशियों पर तेंदुए के हमले की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिससे ग्रामीणों में गहरा भय और आक्रोश है। बावजूद इसके, वन विभाग द्वारा ठोस कार्रवाई न किए जाने को लेकर ग्रामीणों में नाराज़गी है।
प्रशासन और सामाजिक संगठन की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घायल बच्चे को तत्काल 2000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। साथ ही, नगर की प्रतिष्ठित संस्था जन सहयोग के अध्यक्ष अजय मोटवानी ने अस्पताल पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की और बच्चे की खैरियत जान हर संभव सहायता का आश्वासन दिया गया।
तेंदुए की निगरानी शुरू
वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बताया कि नवपदस्थ डीएफओ (वन मंडल अधिकारी) स्वयं आज इलाके का दौरा करेंगे और तेंदुए की गतिविधियों पर निगरानी के लिए ट्रैक कैमरे लगाने का प्रस्ताव राज्य कार्यालय को भेजा गया है। तेंदुए को पकड़ने के लिए विशेष टीम का गठन किया जा रहा है।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वन्यजीवों और मानव बस्तियों के बीच की दूरी तेजी से कम होती जा रही है। प्रशासन को चाहिए कि समय रहते ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।
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