
बीजापुर:– छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित बीजापुर जिले के ताड़ापाला गांव में गुरुवार को सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट में सीआरपीएफ के 3 जवान शहीद हो गए, जबकि कई अन्य जवान घायल हुए हैं। इनमें से कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है।
तलाशी अभियान के दौरान हुआ हमला
मिली जानकारी के अनुसार, सुरक्षा बलों की एक टीम इलाके में नक्सल विरोधी तलाशी अभियान चला रही थी। इसी दौरान नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि जवानों को संभलने का मौका नहीं मिला। इसके तुरंत बाद नक्सलियों ने भारी फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए मोर्चा संभाला।
कर्रेगुट्टा में वीरता की मिसाल: सागर बोराडे घायल
इसी अभियान के सिलसिले में रविवार को छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में भी एक आईईडी विस्फोट हुआ था। इस दौरान सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट सागर बोराडे ने अद्भुत साहस का परिचय देते हुए विस्फोट में घायल अपने एक साथी को बचाने का प्रयास किया। लेकिन दूसरे आईईडी विस्फोट की चपेट में आने से उनका बायां पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
दिल्ली एम्स में इलाज, पैर काटना पड़ा
घायल सहायक कमांडेंट को तत्काल रायपुर से एयरलिफ्ट कर दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया। संक्रमण और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण डॉक्टरों को उनका बायां पैर काटना पड़ा। फिलहाल वह आईसीयू में भर्ती हैं और डॉक्टरों के मुताबिक उनकी हालत अब स्थिर है। वे मानसिक रूप से बेहद मजबूत बने हुए हैं।
नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक मोर्चा
ताड़ापाला और कर्रेगुट्टा की ये घटनाएं दर्शाती हैं कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी खतरा बना हुआ है, लेकिन हमारे सुरक्षाबल अपनी जान की परवाह किए बिना देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं। यह समय है जब शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ उनके परिजनों और घायल जवानों के लिए समुचित सहायता और सम्मान सुनिश्चित किया जाए।
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