39 लाख की इनामी राशि के साथ नक्सलवाद से नाता तोड़ा

सुकमा:- छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले सुकमा से बड़ी खबर सामने आई है। राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे “नक्सल मुक्त ग्राम पंचायत अभियान” के तहत आज 18 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें चार हार्डकोर नक्सली भी शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों पर कुल 39 लाख रुपये की इनामी राशि घोषित थी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वालों में दो नक्सलियों पर 8-8 लाख, एक पुरुष और एक महिला नक्सली पर 5-5 लाख, छह पुरुष नक्सलियों पर 2-2 लाख, और एक नक्सली पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इस आत्मसमर्पण को सुरक्षाबलों और जिला प्रशासन की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
सुकमा जिला प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की ओर से लंबे समय से आत्मसमर्पण को लेकर नक्सलियों से संपर्क साधा जा रहा था। छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति और नक्सलियों के सामाजिक मुख्यधारा में लौटने की पहल ने इस कार्य को सफल बनाया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकारी योजनाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।
सुकमा के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से पूछताछ की जा रही है ताकि संगठन के भीतर की गतिविधियों और बाकी सक्रिय नक्सलियों की जानकारी प्राप्त की जा सके। इसके साथ ही आने वाले समय में और नक्सलियों के आत्मसमर्पण की उम्मीद जताई जा रही है।
छत्तीसगढ़ सरकार की यह रणनीति — जिसमें विकास, संवाद और सुरक्षा का संतुलन साधा गया है — अब रंग लाती दिख रही है। हाल के महीनों में सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जैसे अति-संवेदनशील जिलों में नक्सली गतिविधियों में कमी और आत्मसमर्पण की बढ़ती घटनाएं इसी दिशा में संकेत करती हैं।
छत्तीसगढ़ के सुकमा में आज का आत्मसमर्पण केवल सुरक्षा की दृष्टि से नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और शांति की ओर एक निर्णायक कदम है। यह साबित करता है कि जब सरकार की नीतियां विकास और मानवीय दृष्टिकोण से प्रेरित हों, तो हथियार छोड़कर शांति की राह चुनी जा सकती है।
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