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कांकेर जिला जेल विवाद में विधायक और जेल अधीक्षक ने लिया संज्ञान
कांकेर जिला जेल विवाद में विधायक और जेल अधीक्षक ने लिया संज्ञान

कांकेर विधायक आशाराम नेताम पहुचे जेल, जिला जेल में उपजे विवाद पे लिया संज्ञान

महिला प्रहरियों के आरोपों से मचा हड़कंप, विधायक और जेल अधीक्षक ने किया निरीक्षण 

कांकेर जिला जेल विवाद विधायक और जेल अधीक्षक ने लिया संज्ञान
कांकेर जिला जेल विवाद में विधायक और जेल अधीक्षक ने लिया संज्ञान

कांकेर जिला जेल में इन दिनों तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। महिला प्रहरियों द्वारा सहायक जेल अधीक्षक रेणु ध्रुव और उनके पति पर लगाए गए भ्रष्टाचार और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोपों के बाद प्रशासनिक हलकों में खलबली मच गई है। मामला जब जिला कलेक्टर तक पहुंचा, तो आज कांकेर विधायक आशाराम नेताम स्वयं जिला जेल पहुंचे और मामले का संज्ञान लिया।

इस गंभीर प्रकरण के चलते जगदलपुर के वरिष्ठ जेल अधीक्षक आर.आर. राय भी कांकेर पहुंचे। दोनों ने मिलकर जेल का निरीक्षण किया और जेल के भीतर के माहौल व आरोपों से संबंधित बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी ली। सूत्रों की मानें तो निरीक्षण के दौरान विधायक नेताम और सहायक जेल अधीक्षक रेणु ध्रुव के बीच बातचीत भी हुई, जिसमें विधायक ने उन्हें जमकर फटकार लगाई।

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मीडिया से बातचीत करते हुए विधायक आशाराम नेताम ने कहा कि यह विवाद “आपसी संवादहीनता और छोटे विवादों” का परिणाम है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जांच में किसी की भी गलती सामने आती है, तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने जेल के मौलिक व्यवस्थाओं पर संतोष जताते हुए कहा कि बंदियों के अधिकारों का पालन ठीक तरीके से हो रहा है।

जगदलपुर जेल अधीक्षक आर.आर. राय ने कहा कि यह विवाद “प्रशासनिक समन्वय की कमी” से उपजा है। दोनों पक्षों से बातचीत की गई है और मामले की निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी।

इस पूरे विवाद में एक और रोचक मोड़ तब आया जब एक शिकायतकर्ता ने गोपनीयता की शर्त पर Page16 से बातचीत में दावा किया कि, जेलर के पति द्वारा उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है ताकि हमारी छवि को धूमिल किया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे अपने आरोपों पर अडिग हैं और किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।

सवाल अब भी कायम

  • क्या यह मामला केवल आंतरिक समन्वय की कमी है या बड़े स्तर पर शक्ति और पद के दुरुपयोग का मामला?

  • जेल के भीतर महिला स्टाफ की सुरक्षा और गरिमा को लेकर कितनी सजग है जेल प्रशासन?

  • क्या आरोपी अधिकारियों पर निष्पक्ष जांच संभव हो पाएगी या यह भी “आपसी समझ” की आड़ में दबा दिया जाएगा?


कांकेर जिला जेल की यह घटना महिला कर्मचारियों के कार्यस्थल पर अधिकारों और सम्मान की रक्षा के सवाल को केंद्र में लाती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि जांच निष्पक्ष होती है या नहीं। Page16 इस मामले की हर अगली कड़ी पर नजर बनाए रखेगा।

 
 
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About Prakash Thakur

प्रकाश ठाकुर, पेज 16 न्यूज़ के मुख्य संपादक हैं। एवं वर्षों से निष्पक्ष, सत्य और जनहितकारी पत्रकारिता के लिए समर्पित एक अनुभवी व जिम्मेदार पत्रकार के रूप में कार्यरत हूँ।

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